भाई बहन की चुदाई के सफर की शुरुआत-6
मैं अपनी बहन के साथ सेक्स दो बार कर चुका था. वो अपनी सहेली को लाई थी घर मुझे नंगा मुठ मारते दिखाने के लिए.
अब आगे:
ऋतु- तो चलो चल कर रोहन से ही पूछ लेती हैं… देखें वो क्या कहता है?
और फिर हँसने लगी.
पूजा- पागल हो गई है क्या… मैं तो सिर्फ बात कर रही हूँ. इसका मतलब यह नहीं कि मैं उससे जाकर बोलूँ कि वो मेरे सामने मुठ मार सकता है या नहीं.
ऋतु- तुम मत जाओ, मैं जाकर उसको बोलती हूँ तुम्हारी तरफ से.. अगर तुम चाहो तो?
पूजा- वो कभी भी नहीं तैयार होगा इस पागलपन के लिए… ये सिर्फ मेरे मन के विचार हैं और कुछ नहीं इन्हें ज्यादा गंभीरता से मत लो.
ऋतु- अरे कोशिश तो करते हैं ना… वो या तो हाँ करेगा या ना… और वो ये बात मोम डैड को भी नहीं बता पायेगा क्योंकि उसे ये बातें उन्हें बताने में बड़ी शर्म आएगी… मैं तो यह सोच रही हूँ कि उसको क्या देना पड़ेगा ये सब करवाने के लिए?
पूजा- क्या मतलब?
ऋतु- मतलब कि वो शायद कर सकता है अगर बदले में हम उसे कुछ ऐसा दें जिसकी उसे जरूरत है.
पूजा- जैसे कि?
ऋतु- मुझे नहीं पता…कुछ भी हो सकता है. ये तो सिर्फ मेरा आईडिया है. चलो एक काम करते हैं, मैं जाकर उससे पूछती हूँ कि क्या वो हमारे सामने मुठ मारने को तैयार है और उसके बदले में क्या चाहिए.
पूजा- तुझ में इतनी हिम्मत ही नहीं है कि अपने सगे भाई से इस तरह की बात पूछ सके और अगर पूछती भी है तो वो तैयार नहीं होगा.
ऋतु- अगर ऐसी बात है तो मैं अभी जाकर पूछती हूँ!
और यह बोल कर वो दरवाजे की तरफ चल पड़ी.
जाते जाते उसने पूजा से कहा- अगर तुम भी आना चाहो तो आ सकती हो, या फिर छेद में से देख सकती हो.
पूजा- ना बाबा ना..मुझे तो बड़ी शर्म आएगी इस सबमें… तुम ही जाओ.
ऋतु ने आकर मेरे रूम का दरवाजा खड़काया और अन्दर आ गई. मैंने बड़ी हैरानी से उसे देखा.
वो जल्दी से मेरे पास आई और मेरे मुंह पर उंगली रख कर मुझे चुप रहने के लिए कहा और फुसफुसा कर बात करने लगी.
दूसरे रूम से पूजा बड़ी बेसब्री से ये सब देख रही थी. उसने देखा कि ऋतु ने मुझ से कुछ कहा और कुछ मिनट बात करने के बाद ऋतु का भाई झटके से अलग हुआ और अपने हाथ हवा में उठाकर मना करने के स्टाइल में कुछ बोलने लगा.
पूजा सांस रोके ये सब देख रही थी फिर ऋतु दुबारा अपने भाई के पास गई और उसे कुछ और बोला. फिर भाई ने भी आगे से कुछ कहा और ऋतु सोचने के अंदाज में सर खुजाने लगी और फिर कुछ और बातें करने के बाद दोनों एक दूसरे के गले लग गए और ऋतु बाहर निकल गई.
अन्दर आते ही पूजा ने ऋतु से बड़ी अधीरता से पूछा- तुमने उससे क्या कहा? कैसे पूछा?
ऋतु- वही जो हमने तय किया था.
मैंने पूछा- क्या वो हमारे सामने हस्तमैथुन कर सकता है क्योंकि हमने कभी भी असली में ऐसा नहीं देखा.
पूजा- और उसने क्या कहा?
ऋतु- वो तो यह सुनकर काफी भड़क गया था.
पूजा- देखा… मैंने कहा था ना!
ऋतु- पर जब मैंने उससे कहा कि हम इसके लिए उसे कुछ पैसे देंगे या फिर कुछ और भी जो वो चाहे तो बात आगे बढ़ी.
पूजा ने उत्तेजित होकर पूछा- तो उसने क्या कहा?
ऋतु- वो तैयार है और वो इसके लिए दो हज़ार रूपए मांग रहा है.
पूजा ने आश्चर्य के भाव दिए और बोली- क्या सच में… वो सब हमारे सामने करने को तैयार है और उसे सिर्फ रूपए चाहियें?
ऋतु ने धीरे से कहा- हाँ… और साथ ही साथ वो चाहता है कि हमें भी उसके सामने नंगी होना पड़ेगा.
पूजा ने कटाक्ष भरे स्वर में कहा- वाह बहुत बढ़िया… वो हमें नंगी देखना चाहता है, तभी हस्तमैथुन करेगा.
ऋतु ने उसे उकसाते हुए कहा- पर जरा सोचो… उसका लम्बा और खूबसूरत लंड तुम्हारी नाक से सिर्फ कुछ ही दूरी पर होगा.
पूजा कुछ सोचते हुए बोली- चलो वो तो ठीक है, पर क्या तुम अपने भाई के सामने नंगी हो सकती हो?
ऋतु- उसे अपने सामने मुठ मारता हुए देखने के लिए तो मैं ये सब कर ही सकती हूँ… ये कोई बड़ी बात नहीं है और जब हम दोनों करेंगे तो मुझे इसमें ज्यादा शर्म भी नहीं आएगी.
पूजा- हम दोनों से तुम्हारा क्या मतलब है… मैं तो अभी तक इसके लिए तैयार ही नहीं हुई.
ऋतु ने अपनी आवाज में थोड़ी क��ोरता लाते हुए कहा- तुम मुझे ये बताओ तुम तैयार हो या नहीं… ये तुम्हारा लास्ट चांस है?
पूजा- ठीक है… जब तुम्हें अपने भाई के सामने नंगी होने में कोई परेशानी नहीं है तो मुझे क्या… वो ये सब कब करेगा?
ऋतु- शायद आज रात को सबके सोने के बाद!
पूजा- मुझे तो बड़ी घबराहट हो रही है… क्या सच में तुम ये सब करना चाहती हो?
ऋतु- अरे हाँ… ये एक नया एडवेंचर होगा… मजा आएगा… और फिर हम बाद में… समझ गई ना?
पूजा- ठीक है… पर सच में तुम बड़ी पागल हो.
ऋतु- पागलपन करने में भी कभी-कभी बड़ा मजा आता है… चलो अब अपना होमवर्क कर लेती हैं, फिर रात को तो कुछ और नहीं कर पायेंगी.
रात को जब सभी डिनर कर रहे थे तो ऋतु ने सारी बातें मेरे कान में बता दी. बीच-बीच में जब मैं पूजा की तरफ देखता था तो वो शरमा कर अपना चेहरा नीचे कर लेती थी.
जब खाना ख़त्म हुआ तो ऋतु और पूजा अपने रूम में चली गई और आखिरकार सारे घर में शांति छा गई. ऋतु और पूजा अपने रूम में गाउन पहनकर मेरा इंतजार कर रही थी.
पूजा ने सोचा कि शायद मैं नहीं आऊँगा और कुछ बोलने के लिए अपना मुंह खोला ही था कि उसे दरवाजे पर हल्की सी खटखट सुनाई दी. आवाज सुनते ही ऋतु उछल कर दरवाजे के पास गई और मुझे अन्दर खींच लिया.
मुझे खींचकर वो बेड के पास तक ले गई और वहाँ बैठी पूजा के पास बैठ गई.
मैं उन दोनों के सामने नर्वस सा खड़ा हुआ था.
ऋतु ने पूछा- अरे भाई, किस बात का वेट कर रहे हो… तुम ये करना भी चाहते हो या नहीं?
मैं- मुझे लगा तुम मुझे पहले पैसे द��गी.
ऋतु पूजा की तरफ देखकर- बिल्कुल देंगी, हमने बोला है तो जरूर देंगी.
मैं- तुमने बोला था कि तुम मुझे 2000 रूपए दोगी और नंगी भी होओगी दोनों?
ऋतु- क्या तब तुम हस्तमैथुन करना शुरू करोगे?
मैं संकुचाते हुए- ह्म्म्म हाँ!
ऋतु- ठीक है…
और पूजा की तरफ देखकर उसे कुछ इशारा किया, पूजा ने झट से अपने पर्स में से 2000 रूपए निकाल कर मुझे दिए पर मुझे कुछ न करते देखकर वो समझ गई कि आगे क्या करना है.
ऋतु- पूजा… चलो एक साथ नंगी होती हैं.
फिर पूजा उठी और दूसरी तरफ मुंह करके अपना गाउन खोल कर नीचे गिरा दिया, ऋतु ने भी उसके साथ-साथ वही किया, दोनों की गांड मेरी तरफ थी. मैं तो वो दृश्य देखकर पागल ही हो गया. एक गोरी और दूसरी सांवली… एकदम ताजा माल… भरी हुई जांघें और सुडौल पिंडलियाँ…
फिर दोनों घूम कर मेरी तरफ मुंह करके बेड के किनारे पर बैठ गई. पूजा के चुचे देखकर मेरे मुंह से ‘आह’ निकल गई और मैं अपने लंड को अपने पायजामे के ऊपर से ही मसलने लगा.
यह देखकर ऋतु ने मुझे घूर कर गुस्से के लहजे में देखा और अगले ही पल हंसकर मुझे आँख मार दी.
पर पूजा ये सब नहीं देख पाई… वो तो अपनी नजरें भी नहीं उठा रही थी.
मैंने देखा कि उसके चुचे ऋतु से काफी बड़े हैं. थोड़े लटके हुए… शायद ज्यादा भार की वजह से… और उसके लाल निप्पल इतने बड़े थे कि शायद मेरे पैर की उंगली के बराबर… पेट बिल्कुल गोल मटोल और सुडौल था.
मैं खड़ा हो गया और अब मैं उसकी चूत भी देख पा रहा था. वो बिल्कुल काली थी, बालों से ढकी हुई और बीच में जो चीरा था, उसमें से गुलाबी पंखुड़ियाँ अपनी बाहें फैला कर जैसे मुझे ही बुला रही थी.
बहन के साथ सेक्स कहानी अगले भाग में. आप अपने विचार मुझे मेल कर सकते है साथ ही इंस्टाग्राम पर भी जोड़ सकते है.[email protected]
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मैं अपनी बहन के साथ सेक्स दो बार कर चुका था. वो अपनी सहेली को लाई थी घर मुझे नंगा मुठ मारते दिखाने के लिए.
अब आगे:
ऋतु- तो चलो चल कर रोहन से ही पूछ लेती हैं… देखें वो क्या कहता है?
और फिर हँसने लगी.
पूजा- पागल हो गई है क्या… मैं तो सिर्फ बात कर रही हूँ. इसका मतलब यह नहीं कि मैं उससे जाकर बोलूँ कि वो मेरे सामने मुठ मार सकता है या नहीं.
ऋतु- तुम मत जाओ, मैं जाकर उसको बोलती हूँ तुम्हारी तरफ से.. अगर तुम चाहो तो?
पूजा- वो कभी भी नहीं तैयार होगा इस पागलपन के लिए… ये सिर्फ मेरे मन के विचार हैं और कुछ नहीं इन्हें ज्यादा गंभीरता से मत लो.
ऋतु- अरे कोशिश तो करते हैं ना… वो या तो हाँ करेगा या ना… और वो ये बात मोम डैड को भी नहीं बता पायेगा क्योंकि उसे ये बातें उन्हें बताने में बड़ी शर्म आएगी… मैं तो यह सोच रही हूँ कि उसको क्या देना पड़ेगा ये सब करवाने के लिए?
पूजा- क्या मतलब?
ऋतु- मतलब कि वो शायद कर सकता है अगर बदले में हम उसे कुछ ऐसा दें जिसकी उसे जरूरत है.
पूजा- जैसे कि?
ऋतु- मुझे नहीं पता…कुछ भी हो सकता है. ये तो सिर्फ मेरा आईडिया है. चलो एक काम करते हैं, मैं जाकर उससे पूछती हूँ कि क्या वो हमारे सामने मुठ मारने को तैयार है और उसके बदले में क्या चाहिए.
पूजा- तुझ में इतनी हिम्मत ही नहीं है कि अपने सगे भाई से इस तरह की बात पूछ सके और अगर पूछती भी है तो वो तैयार नहीं होगा.
ऋतु- अगर ऐसी बात है तो मैं अभी जाकर पूछती हूँ!
और यह बोल कर वो दरवाजे की तरफ चल पड़ी.
जाते जाते उसने पूजा से कहा- अगर तुम भी आना चाहो तो आ सकती हो, या फिर छेद में से देख सकती हो.
पूजा- ना बाबा ना..मुझे तो बड़ी शर्म आएगी इस सबमें… तुम ही जाओ.
ऋतु ने आकर मेरे रूम का दरवाजा खड़काया और अन्दर आ गई. मैंने बड़ी हैरानी से उसे देखा.
वो जल्दी से मेरे पास आई और मेरे मुंह पर उंगली रख कर मुझे चुप रहने के लिए कहा और फुसफुसा कर बात करने लगी.
दूसरे रूम से पूजा बड़ी बेसब्री से ये सब देख रही थी. उसने देखा कि ऋतु ने मुझ से कुछ कहा और कुछ मिनट बात करने के बाद ऋतु का भाई झटके से अलग हुआ और अपने हाथ हवा में उठाकर मना करने के स्टाइल में कुछ बोलने लगा.
पूजा सांस रोके ये सब देख रही थी फिर ऋतु दुबारा अपने भाई के पास गई और उसे कुछ और बोला. फिर भाई ने भी आगे से कुछ कहा और ऋतु सोचने के अंदाज में सर खुजाने लगी और फिर कुछ और बातें करने के बाद दोनों एक दूसरे के गले लग गए और ऋतु बाहर निकल गई.
अन्दर आते ही पूजा ने ऋतु से बड़ी अधीरता से पूछा- तुमने उससे क्या कहा? कैसे पूछा?
ऋतु- वही जो हमने तय किया था.
मैंने पूछा- क्या वो हमारे सामने हस्तमैथुन कर सकता है क्योंकि हमने कभी भी असली में ऐसा नहीं देखा.
पूजा- और उसने क्या कहा?
ऋतु- वो तो यह सुनकर काफी भड़क गया था.
पूजा- देखा… मैंने कहा था ना!
ऋतु- पर जब मैंने उससे कहा कि हम इसके लिए उसे कुछ पैसे देंगे या फिर कुछ और भी जो वो चाहे तो बात आगे बढ़ी.
पूजा ने उत्तेजित होकर पूछा- तो उसने क्या कहा?
ऋतु- वो तैयार है और वो इसके लिए दो हज़ार रूपए मांग रहा है.
पूजा ने आश्चर्य के भाव दिए और बोली- क्या सच में… वो सब हमारे सामने करने को तैयार है और उसे सिर्फ रूपए चाहियें?
ऋतु ने धीरे से कहा- हाँ… और साथ ही साथ वो चाहता है कि हमें भी उसके सामने नंगी होना पड़ेगा.
पूजा ने कटाक्ष भरे स्वर में कहा- वाह बहुत बढ़िया… वो हमें नंगी देखना चाहता है, तभी हस्तमैथुन करेगा.
ऋतु ने उसे उकसाते हुए कहा- पर जरा सोचो… उसका लम्बा और खूबसूरत लंड तुम्हारी नाक से सिर्फ कुछ ही दूरी पर होगा.
पूजा कुछ सोचते हुए बोली- चलो वो तो ठीक है, पर क्या तुम अपने भाई के सामने नंगी हो सकती हो?
ऋतु- उसे अपने सामने मुठ मारता हुए देखने के लिए तो मैं ये सब कर ही सकती हूँ… ये कोई बड़ी बात नहीं है और जब हम दोनों करेंगे तो मुझे इसमें ज्यादा शर्म भी नहीं आएगी.
पूजा- हम दोनों से तुम्हारा क्या मतलब है… मैं तो अभी तक इसके लिए तैयार ही नहीं हुई.
ऋतु ने अपनी आवाज में थोड़ी क��ोरता लाते हुए कहा- तुम मुझे ये बताओ तुम तैयार हो या नहीं… ये तुम्हारा लास्ट चांस है?
पूजा- ठीक है… जब तुम्हें अपने भाई के सामने नंगी होने में कोई परेशानी नहीं है तो मुझे क्या… वो ये सब कब करेगा?
ऋतु- शायद आज रात को सबके सोने के बाद!
पूजा- मुझे तो बड़ी घबराहट हो रही है… क्या सच में तुम ये सब करना चाहती हो?
ऋतु- अरे हाँ… ये एक नया एडवेंचर होगा… मजा आएगा… और फिर हम बाद में… समझ गई ना?
पूजा- ठीक है… पर सच में तुम बड़ी पागल हो.
ऋतु- पागलपन करने में भी कभी-कभी बड़ा मजा आता है… चलो अब अपना होमवर्क कर लेती हैं, फिर रात को तो कुछ और नहीं कर पायेंगी.
रात को जब सभी डिनर कर रहे थे तो ऋतु ने सारी बातें मेरे कान में बता दी. बीच-बीच में जब मैं पूजा की तरफ देखता था तो वो शरमा कर अपना चेहरा नीचे कर लेती थी.
जब खाना ख़त्म हुआ तो ऋतु और पूजा अपने रूम में चली गई और आखिरकार सारे घर में शांति छा गई. ऋतु और पूजा अपने रूम में गाउन पहनकर मेरा इंतजार कर रही थी.
पूजा ने सोचा कि शायद मैं नहीं आऊँगा और कुछ बोलने के लिए अपना मुंह खोला ही था कि उसे दरवाजे पर हल्की सी खटखट सुनाई दी. आवाज सुनते ही ऋतु उछल कर दरवाजे के पास गई और मुझे अन्दर खींच लिया.
मुझे खींचकर वो बेड के पास तक ले गई और वहाँ बैठी पूजा के पास बैठ गई.
मैं उन दोनों के सामने नर्वस सा खड़ा हुआ था.
ऋतु ने पूछा- अरे भाई, किस बात का वेट कर रहे हो… तुम ये करना भी चाहते हो या नहीं?
मैं- मुझे लगा तुम मुझे पहले पैसे द��गी.
ऋतु पूजा की तरफ देखकर- बिल्कुल देंगी, हमने बोला है तो जरूर देंगी.
मैं- तुमने बोला था कि तुम मुझे 2000 रूपए दोगी और नंगी भी होओगी दोनों?
ऋतु- क्या तब तुम हस्तमैथुन करना शुरू करोगे?
मैं संकुचाते हुए- ह्म्म्म हाँ!
ऋतु- ठीक है…
और पूजा की तरफ देखकर उसे कुछ इशारा किया, पूजा ने झट से अपने पर्स में से 2000 रूपए निकाल कर मुझे दिए पर मुझे कुछ न करते देखकर वो समझ गई कि आगे क्या करना है.
ऋतु- पूजा… चलो एक साथ नंगी होती हैं.
फिर पूजा उठी और दूसरी तरफ मुंह करके अपना गाउन खोल कर नीचे गिरा दिया, ऋतु ने भी उसके साथ-साथ वही किया, दोनों की गांड मेरी तरफ थी. मैं तो वो दृश्य देखकर पागल ही हो गया. एक गोरी और दूसरी सांवली… एकदम ताजा माल… भरी हुई जांघें और सुडौल पिंडलियाँ…
फिर दोनों घूम कर मेरी तरफ मुंह करके बेड के किनारे पर बैठ गई. पूजा के चुचे देखकर मेरे मुंह से ‘आह’ निकल गई और मैं अपने लंड को अपने पायजामे के ऊपर से ही मसलने लगा.
यह देखकर ऋतु ने मुझे घूर कर गुस्से के लहजे में देखा और अगले ही पल हंसकर मुझे आँख मार दी.
पर पूजा ये सब नहीं देख पाई… वो तो अपनी नजरें भी नहीं उठा रही थी.
मैंने देखा कि उसके चुचे ऋतु से काफी बड़े हैं. थोड़े लटके हुए… शायद ज्यादा भार की वजह से… और उसके लाल निप्पल इतने बड़े थे कि शायद मेरे पैर की उंगली के बराबर… पेट बिल्कुल गोल मटोल और सुडौल था.
मैं खड़ा हो गया और अब मैं उसकी चूत भी देख पा रहा था. वो बिल्कुल काली थी, बालों से ढकी हुई और बीच में जो चीरा था, उसमें से गुलाबी पंखुड़ियाँ अपनी बाहें फैला कर जैसे मुझे ही बुला रही थी.
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