बहन का नग्नतावाद से परिचय-11
प्रेषक : आसज़
सम्पादक : प्रेमगुरू
करेन थोड़ी आगे चली गई तो वैल ने कहा,”तो क्या तुम मेरे से शर्मिन्दा हो?”
“ओह…. नो … कभी नहीं ? पर क्यों?” मैंने उत्तर दिया।
” कार्ल के हस्तमैथुन के लिए !” उसने कहा।
“कोई बात नहीं !”मैंने कहा।
“मैं अधिक चिंता इस बात की कर रही थी कि मेरे कारण उस तरह की परिस्थितियाँ उत्पन्न हुई थी।”
“मुझे बिल्कुल बुरा नहीं लगा।” मैंने कहा।
“लेकिन क्या आपके लिए यह सहज था?” उसने मेरे हाथ अपने हाथ में ले लिया।
“हाँ ! मेरे लिए ठीक था, तुम्हें मेरे बारे में इतनी चिंता के जरूरत नहीं है, हालांकि तुम्हें मैं बताना चाहता हूँ कि मैंने अपने तौलिये से अपना उत्थित लिंग छिपाना बंद कर दिया है।”
“सच ?”
“हाँ !”
मैंने करेन से पूछा,”तुमने वास्तव में ऐसा क्यों किया था?”
करेन ने उत्तर दिया,”असल में मैं बड़े लिंग सम्मोहन से बच नहीं पाई, मेरा मतलब है, क्या तुमने उसके आकार को देखा ? लेकिन जेम्स का लिंग छोटा है, वास्तव में छोटा है और कार्ल ने मुझे बस मोहित किया, मैं बस देखना चाहती थी कि यह कैसा महसूस होता है।”
मैंने उसे फिर से वादा किया कि मैं करेन के पति जेम्स को कभी इस घटना के बारे में पता नहीं चलने दूंगा, मैं इसे गोपनीय रखूँगा।
“मैं ��ानती हूं यह अजीब है !” वह चलते हुए बोलती गई,”मैं जानती हूँ कि शारीरिक और भावनात्मक रूप से लिंग का आकार कोई मायने नहीं रखता है, लेकिन कम से कम देखने में कार्ल मेरे लिए बहुत रोमांचक था।”
“चलो इसके बारे में अब सोचने की जरूरत नहीं है।” मैंने कहा।
हम ऊपर चढ़ कर अपने कैबिन में आ गए।
“कैसा लगा यह नया अनुभव?” मैंने करेन से पूछा।
“हाँ… बहुत अद्भुत था सब कुछ !”
“मेरे और तुम्हारे सिवाय सभी ने संभोग सुख लिया।” मैंने साहस करके बोल दिया।
“म्म…. ? क्या मतलब है तुम्हारा ?”
“ओह … मेरा सिर्फ मतलब है…..” मैं हकलाया,”कि मेरे और तुम्हारे सिवाय सभी ने संभोग का आनन्द लिया।”
वह कॉफी बनाते हुए बोली,”मैं वहाँ तुम्हारी तरफ़ ध्यान नहीं दे पाई परंतु मेरे ख्याल से तुमने जो किया, ठीक किया !”
हम एक साथ सोफे पर बैठ गये,”मुझे वास्तव में संभोग की इच्छा नहीं थी।” मैंने कॉफी पीते हुये कहा।
“तुम झूठ बोल रहे हो … अपने तौलिए की ओर देखो !” वह तौलिये से ढके मेरे खड़े लिंग की ओर इशारा करते हुए हंसने लगी।
“ओह … यह अपने आप शांत हो जायेगा।” मैंने कहा।
“ठीक है, अगर यह अपने आप शान्त नहीं हुआ तो तुम्हें पता होगा कि टिशु-पेपर कहाँ रखे हैं।”
“हाँ…”
“टिम … चलो मेरे यहाँ रहने से तुम बाधा मत समझना !” उसने दृढ़ता से कहा,”मैं जानती हूँ तुम हस्तमैथुन करते हो ! हर कोई करता है.. और अगली बार मैं कोशिश करूंगी कि मैं तुम्हें ना देखूं !”
“तो तुमने कल रात को मुझे देखा?”
“हाँ, लेकिन अचानक ! जानबूझ कर नहीं !” उसने बताया,”उस समय मैं कमरे से बाहर पानी लेने के लिए आ रही थी और तुम वहाँ …. ?” करेन ने मेरे कंधों पर घुमाकर अपने हाथ रख दिये।
“और जब आज रात इतना सब हो चुका, फ़िर भी तुम यहाँ पर तौलिया लपेटे बैठे हो ?”
करेन की इस बात से मैं सहमत था। मैं खड़ा हुआ, तौलिया नीचे गिर जाने दिया और वापस बैठ गया। मेरा लिंग पूरी तरह से उत्तेजित नजर आ रहा था।
“अब ठीक है?” मैंने कहा।
“हाँ नग्न ही रहना है तो ऐसे बेहतर है..” मेरे गले में अपनी बाहें डालते हुए करेन बोली।
“तुम्हारे लिंग से अब भी स्राव हो रहा है !” मैंने करेन की आवाज में उसकी तेज होती सांस सुनी।
मेरे लिंग से सम्भोग-पूर्व स्राव निकल रहा था। वह मेज से टिशु पेपर उठाने के लिये मेरे बगल से झुकी। ऐसा करने से उसके स्तन हिले और मेरे लिंग से रगड़ खाते रहे। उसे दो-चार सेकंड टिशु पेपर उठाने मे लग गए, लेकिन उसके इस तरह अपने ��ोमल स्तनों को मेरे लिंग पर रगड़ने से मुझे इतनी उत्तेजना हुई कि ना चाहते हुए भी मैं चरमोत्कर्ष पर पहुँच गया, मेरा वीर्य निकला और पहला शॉट हवा में ऊपर गय�� और फ़िर मेरे पेट पर गिरा।
मैंने अपने लिंग पकड़ लिया ताकि वीर्य नीचे फर्श पर गिरे। लेकिन अगले ही क्षण करेन ने एक टिशु पेपर को हाथ में लेकर मेरे लिंग को पकड़ लिया और उससे निकलते हुये वीर्य को समेट लिया।
यह मेरा सबसे तीव्र संभोग परम-आनन्द था जो मैंने कभी वास्तव में कुछ भी करे बिना अनुभव किया था।
मैं फ़िर सोफ़े पर बैठ गया। मुझे लगा कि करेन मेरे पेट पर गिरा वीर्य पौंछ देगी ! और मैं अपनी आँखें बन्द करके उन परम-आनन्ददायी पलों में खो गया।
मैं उसे बताना चाहता था कि मेरा आम तौर पर शीघ्र पतन नहीं होता है, यह तो लंबे समय के लिए पार्टी में बने रहने का परिणाम था। मैं उसे यह भी बताना चाहता था कि मैं किसी के प्रलोभन में आ जाने वालों में से नहीं था जैसा उसने यहाँ देखा था। मैं उसे इन चीजों के बारे में बहुत कुछ समझाना चाहता था लेकिन मुझे शब्द नहीं मिल रहे थे।
करेन मेरे कान के पास आ कर फ़ुसफ़ुसाई,”यह ठीक है टिम, मुझे पता है कि यह एक दुर्घटना थी, अगली बार तुम अधिक ध्यान रखोगे।”
कहानी अभी जारी रहेगी !
प्रेषक : आसज़
सम्पादक : प्रेमगुरू
करेन थोड़ी आगे चली गई तो वैल ने कहा,”तो क्या तुम मेरे से शर्मिन्दा हो?”
“ओह…. नो … कभी नहीं ? पर क्यों?” मैंने उत्तर दिया।
” कार्ल के हस्तमैथुन के लिए !” उसने कहा।
“कोई बात नहीं !”मैंने कहा।
“मैं अधिक चिंता इस बात की कर रही थी कि मेरे कारण उस तरह की परिस्थितियाँ उत्पन्न हुई थी।”
“मुझे बिल्कुल बुरा नहीं लगा।” मैंने कहा।
“लेकिन क्या आपके लिए यह सहज था?” उसने मेरे हाथ अपने हाथ में ले लिया।
“हाँ ! मेरे लिए ठीक था, तुम्हें मेरे बारे में इतनी चिंता के जरूरत नहीं है, हालांकि तुम्हें मैं बताना चाहता हूँ कि मैंने अपने तौलिये से अपना उत्थित लिंग छिपाना बंद कर दिया है।”
“सच ?”
“हाँ !”
मैंने करेन से पूछा,”तुमने वास्तव में ऐसा क्यों किया था?”
करेन ने उत्तर दिया,”असल में मैं बड़े लिंग सम्मोहन से बच नहीं पाई, मेरा मतलब है, क्या तुमने उसके आकार को देखा ? लेकिन जेम्स का लिंग छोटा है, वास्तव में छोटा है और कार्ल ने मुझे बस मोहित किया, मैं बस देखना चाहती थी कि यह कैसा महसूस होता है।”
मैंने उसे फिर से वादा किया कि मैं करेन के पति जेम्स को कभी इस घटना के बारे में पता नहीं चलने दूंगा, मैं इसे गोपनीय रखूँगा।
“मैं ��ानती हूं यह अजीब है !” वह चलते हुए बोलती गई,”मैं जानती हूँ कि शारीरिक और भावनात्मक रूप से लिंग का आकार कोई मायने नहीं रखता है, लेकिन कम से कम देखने में कार्ल मेरे लिए बहुत रोमांचक था।”
“चलो इसके बारे में अब सोचने की जरूरत नहीं है।” मैंने कहा।
हम ऊपर चढ़ कर अपने कैबिन में आ गए।
“कैसा लगा यह नया अनुभव?” मैंने करेन से पूछा।
“हाँ… बहुत अद्भुत था सब कुछ !”
“मेरे और तुम्हारे सिवाय सभी ने संभोग सुख लिया।” मैंने साहस करके बोल दिया।
“म्म…. ? क्या मतलब है तुम्हारा ?”
“ओह … मेरा सिर्फ मतलब है…..” मैं हकलाया,”कि मेरे और तुम्हारे सिवाय सभी ने संभोग का आनन्द लिया।”
वह कॉफी बनाते हुए बोली,”मैं वहाँ तुम्हारी तरफ़ ध्यान नहीं दे पाई परंतु मेरे ख्याल से तुमने जो किया, ठीक किया !”
हम एक साथ सोफे पर बैठ गये,”मुझे वास्तव में संभोग की इच्छा नहीं थी।” मैंने कॉफी पीते हुये कहा।
“तुम झूठ बोल रहे हो … अपने तौलिए की ओर देखो !” वह तौलिये से ढके मेरे खड़े लिंग की ओर इशारा करते हुए हंसने लगी।
“ओह … यह अपने आप शांत हो जायेगा।” मैंने कहा।
“ठीक है, अगर यह अपने आप शान्त नहीं हुआ तो तुम्हें पता होगा कि टिशु-पेपर कहाँ रखे हैं।”
“हाँ…”
“टिम … चलो मेरे यहाँ रहने से तुम बाधा मत समझना !” उसने दृढ़ता से कहा,”मैं जानती हूँ तुम हस्तमैथुन करते हो ! हर कोई करता है.. और अगली बार मैं कोशिश करूंगी कि मैं तुम्हें ना देखूं !”
“तो तुमने कल रात को मुझे देखा?”
“हाँ, लेकिन अचानक ! जानबूझ कर नहीं !” उसने बताया,”उस समय मैं कमरे से बाहर पानी लेने के लिए आ रही थी और तुम वहाँ …. ?” करेन ने मेरे कंधों पर घुमाकर अपने हाथ रख दिये।
“और जब आज रात इतना सब हो चुका, फ़िर भी तुम यहाँ पर तौलिया लपेटे बैठे हो ?”
करेन की इस बात से मैं सहमत था। मैं खड़ा हुआ, तौलिया नीचे गिर जाने दिया और वापस बैठ गया। मेरा लिंग पूरी तरह से उत्तेजित नजर आ रहा था।
“अब ठीक है?” मैंने कहा।
“हाँ नग्न ही रहना है तो ऐसे बेहतर है..” मेरे गले में अपनी बाहें डालते हुए करेन बोली।
“तुम्हारे लिंग से अब भी स्राव हो रहा है !” मैंने करेन की आवाज में उसकी तेज होती सांस सुनी।
मेरे लिंग से सम्भोग-पूर्व स्राव निकल रहा था। वह मेज से टिशु पेपर उठाने के लिये मेरे बगल से झुकी। ऐसा करने से उसके स्तन हिले और मेरे लिंग से रगड़ खाते रहे। उसे दो-चार सेकंड टिशु पेपर उठाने मे लग गए, लेकिन उसके इस तरह अपने ��ोमल स्तनों को मेरे लिंग पर रगड़ने से मुझे इतनी उत्तेजना हुई कि ना चाहते हुए भी मैं चरमोत्कर्ष पर पहुँच गया, मेरा वीर्य निकला और पहला शॉट हवा में ऊपर गय�� और फ़िर मेरे पेट पर गिरा।
मैंने अपने लिंग पकड़ लिया ताकि वीर्य नीचे फर्श पर गिरे। लेकिन अगले ही क्षण करेन ने एक टिशु पेपर को हाथ में लेकर मेरे लिंग को पकड़ लिया और उससे निकलते हुये वीर्य को समेट लिया।
यह मेरा सबसे तीव्र संभोग परम-आनन्द था जो मैंने कभी वास्तव में कुछ भी करे बिना अनुभव किया था।
मैं फ़िर सोफ़े पर बैठ गया। मुझे लगा कि करेन मेरे पेट पर गिरा वीर्य पौंछ देगी ! और मैं अपनी आँखें बन्द करके उन परम-आनन्ददायी पलों में खो गया।
मैं उसे बताना चाहता था कि मेरा आम तौर पर शीघ्र पतन नहीं होता है, यह तो लंबे समय के लिए पार्टी में बने रहने का परिणाम था। मैं उसे यह भी बताना चाहता था कि मैं किसी के प्रलोभन में आ जाने वालों में से नहीं था जैसा उसने यहाँ देखा था। मैं उसे इन चीजों के बारे में बहुत कुछ समझाना चाहता था लेकिन मुझे शब्द नहीं मिल रहे थे।
करेन मेरे कान के पास आ कर फ़ुसफ़ुसाई,”यह ठीक है टिम, मुझे पता है कि यह एक दुर्घटना थी, अगली बार तुम अधिक ध्यान रखोगे।”
कहानी अभी जारी रहेगी !