निशा की कुँवारी चूत की चुदाई
दोस्तो, मेरा नाम राहुल है, उम्र 20 साल है, मेरी हाईट 5 फुट 8 इंच है। मैं चंडीगढ़ में रहता हूँ। मैं शांत स्वभाव का हूँ।
मैं आज आपसे जो कहानी बता रहा हूँ.. यह मेरी पहली कहानी है.. यह एकदम सच घटना है।
यह तब की बात है.. जब मैं 2 साल पहले दिल्ली में रहता था।
एक दिन मैं मेट्रो में अपनी बुआ के घर जा रहा था, मेरी नजर एक लड़की पर गई, उसका फ़िगर करीब 36-28-34 होगा।
पहले तो मैंने कोई ज्यादा ध्यान नहीं दिया.. पर जब मैं मेट्रो से उतरा.. तो उस लड़की ने मुझे ‘हैलो’ कहा.. तो मैंने देखा कि ये तो वही लड़की थी.. जिसको मैंने मेट्रो में देखा था।
मैंने अपने सर को जरा जुम्बिश दी- हैलो..
वो बोली- आप राहुल है?
मैंने कहा- हाँ मैं राहुल हूँ.. पर आप कौन?
तो उसने कहा- पहचाना नहीं?
मैंने कहा- नहीं..
वो हँस कर बोली- इतनी जल्दी भूल गए?
मैं करीब 5 मिनट तक सोचता रहा कि ये कौन है।
फिर उसने बताया- मैं निशा हूँ… तुम मेरे साथ पढ़ते थे।
तब मुझे याद आया.. और मैंने उसे फिर से ‘हैलो’ कहा.. साथ ही मैंने कहा- चलो कॉफी पीते हैं।
उसने कहा- हाँ चलो.. कुछ बात भी हो जाएगी।
तब मैंने उससे कहा- तुम यहाँ? तुम तो शिमला में रहती थी न?
तब उसने बताया- मैं यहाँ कॉलेज में पढ़ती हूँ। यहीं एक रूम किराये पर लिया हुआ है।
मैंने पूछा- कहाँ?
तो उसने बताया- द्वारका में।
मैंने उसका नंबर लिया और उसे अपना नंबर दिया.. कुछ देर यूँ ही कुछ पल बातचीत हुई और हम दोनों घर चल दिए।
उसके बाद हमारी बात होने लगी। हम कभी-कभी मिलते थे.. पहले तो मेरे मन में उसके बारे में कोई बुरा खयाल नहीं था।
एक दिन मैं अन्तर्वासना पर कहानी पढ़ रहा था.. तब मुझे उसकी याद आ गई। तब से मैं उसे चोदने की सोचने लगा.. पर पूछने की हिम्मत नहीं हुई।
लेकिन एक दिन उसने मुझे अपने घर पर बुलाया.. कहा- आओ.. तुमसे एक जरूरी काम है।
मैं उसके घर गया.. तो वो मुझे कुछ उदास सी लगी.. मैंने उससे पूछने की कोशिश की.. लेकिन उसने कुछ भी नहीं बताया।
हम दोनों साथ में कॉफी पीने लगे। मैं कुछ देर बाद बाथरूम गया.. वहाँ मैंने उसक़ी ब्रा और पैन्टी टंगी देखी.. मैं उसे सूँघने लगा.. वाह.. क्या मस्त महक थी.. यह मेरा पहला अनुभव था।
तब मैंने उसे चोदने का सोच लिया कि इसे चोदकर ही रहूँगा।
फिर एक दिन मैंने उसे अपने घर पर बुलाया.. तो वो आ गई।
हमने साथ में लंच किया.. कुछ देर हमने बात की और वो घर से चली गई लेकिन वो अपना मोबाइल वहाँ पर भूल गई।
जब मैं उसे मोबाइल देने गया.. तो वो एक लड़के से बात कर रही थी। उसके जाने के बाद मैंने उससे पूछा- यह कौन है?
उसने बताया कि वो उसका बॉयफ्रेंड है।
तब मैं उदास हो गया.. उसके बाद हमारी बात कम होने लगी, तब उसे चोदने की तमन्ना अधूरी रह गई।
लेकिन अचानक मेरी किस्मत चमक ही गई। एक दिन जब वो शिमला से दिल्ली वापिस आ रही थी.. तो उसका फ़ोन आया- क्या तुम मुझे लेने आ सकते हो.. स्टेशन पर बारिश हो रही है।
मैं कहा- ओके, मैं आता हूँ।
जब मैं उसे लेने गया.. तब तो मैं उसे देखता ही रह गया। उसने काली जींस और सफेद टॉप पहना हुआ था। मेरे मन में तो उसी वक्त खयाल आया कि इसे यहीं पटक कर चोद दूँ.. लेकिन मैंने कंट्रोल किया और उसे अपने साथ ले आया।
तो उसने मुझसे कहा कि वो आज रात यहीं रुकेगी..
मैं खुश हो गया.. मैंने सोचा आज तो इसे चोद कर रहूँगा।
मैं उसके लिए होटल से खाना लेकर आया.. उसे खाना खिलाने के बाद हम टीवी देखने लगे। हम एक हॉलीवुड मूवी देख रहे थे… उसमें एक सेक्स सीन आया.. मैं जरा घबरा सा गया और मैंने चैनल बदल दिया। लेकिन जब मैंने उसकी तरफ देखा.. तो वो मुस्करा रही थी।
वो मेरी तरफ देख कर बोली- क्या हुआ.. चैनल चेंज क्यों किया.. मुझे मूवी अच्छी लग रही थी।
फिर हमने वो मूवी पूरी देखी.. वो काफी हॉट फिल्म थी.. उसके बाद हम सोने की तैयारी करने लगे।
सोने जाते हुए ��ैंने हिम्मत करके उससे पूछा- क्या तुमने कभी सेक्स किया है?
वो शरमा गई और धीरे से ‘ना’ कहा। मैंने सोचा यह अच्छा मौका है।
मैंने कोई देर किए बिना उसके होंठों पर होंठ लगा कर उसे किस करने लगा.. वो भी मेरा साथ ���ेने लगी।
मैंने धीरे से अपना हाथ उसके टॉप में डाल दिया और उसके मम्मों को दबाने लगा।
सच में.. क्या मस्त चूचे थे उसके.. बहुत ही नरम.. उसे भी इसमें मजा आ रहा था।
मैं उसके मम्मों को ज़ोर से दबाने लगा.. उसके मुँह से आवाजें आने लगीं।
फ़िर मैंने अपना हाथ निकाल कर उसकी जीन्स का बटन खोलने लगा।
वो बोली- रहने दो ना प्लीज.. यह गलत है..
मैंने उससे कहा- कुछ नहीं होगा..
मैंने भी जल्दी से उसकी पैन्टी के अन्दर हाथ डाल दिया.. उसकी पैन्टी गीली हो गई थी।
मैं उसकी चूत को सहलाने लगा.. फिर उंगली चूत में डाल दी.. और अन्दर-बाहर करने लगा।
अब मानो वो पागल सी हो रही थी और उसके मुँह से ‘आआहह उउह्ह्ह्ह..’ की आवाज आने लगी थी.. वो पूरी गर्म हो गई थी.. उसने मेरी टी-शर्ट उतार दी और मुझे किस करने लगी।
मैं अपने दूसरे हाथ से फिर से उसके मम्मों को दबाने लगा।
वो ‘उउह्ह्ह्ह..’ की आवाज़ करने लगी.. वो मेरी जीन्स खोल कर मेरे लंड को दबाने लगी।
मैंने अपनी जीन्स और चड्डी उतार दी.. तो वो मेरा लंड हिलाने लगी और ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगी।
फिर मैंने उससे लंड को चूसने को कहा तो वो ‘ना’ कहने लगी.. पर मेरे समझाने के बाद वो मान ग़ई।
उसने लंड को अपने मुँह में डाल लिया और पागलों की तरह चूसने लगी।
मुझे भी इसमें बहुत मज़ा आ रहा था.. मैं उसके बाल पकड़ कर उसके मुँह में लंड डालने लगा और उसका मुँह चोदने लगा।
मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उसकी पैन्टी उतार दी और उसकी चूत चाटने लगा। वो मेरा सिर पकड़ कर चूत पर दबाने लगी।
मैं भी मजे से उसकी चूत चाट रहा था.. फिर मैंने उसकी ब्रा भी उतार दी। अब वो मेरे सामने पूरी नंगी थी।
मैं उसके मम्मों को ज़ोर से मसलने लगा और वो चिल्लाने लगी।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
मैं उसकी चूचियाँ चूसने लगा.. निप्पल भी चूसने लगा.. कभी-कभी मुँह से निप्पल को काट भी लेता.. तो वो चिल्ला उठती।
अब वो पागल होने लगी थी और लंड डालने के लिए बोलने लगी..
मैंने भी सोचा अब देर नहीं करनी चाहिए, मैं अपना लन्ड उसकी चूत पर रगड़ने लगा, कुछ मिनट बाद मैं अपना लन्ड उसकी चूत में पेलने लगा लेकिन मेरा लन्ड अन्दर नहीं जा रहा था।
मैंने थोड़ा ज़ोर लगाया और उसकी चूत में लौड़ा घुसता चला गया। वो चिल्लाने लगी.. मैंने अपने होंठ उसके होंठ पर रख दिए और थोड़ा ज़ोर लगाने के बाद मेरा पूरा लन्ड उसकी चूत में चला गया.. उसके आँसू निकल आए।
वो चिल्लाने लगी- ओह्ह.. मुझे बहुत दर्द हो रहा है.. मत करो..
मैं उसे समझाने लगा- पहली बार दर्द तो होता ही है.. लेकिन उसके बाद मजा भी आता है.. और यह दर्द का मजा तुमको ज़िंदगी भर याद रहेगा।
कुछ देर बाद वो शांत हुई। तो मैं अपना लन्ड धीरे-धीरे अन्दर-बाहर करने लगा अब उसका दर्द कम हो गया ��ा।
लेकिन मैं हैरान था कि इसका बॉयफ़्रेन्ड भी था और फ़िर भी अभी तक कुंवारी है।
कुछ देर बाद उसे भी मजा आने लगा था.. वो अब मेरा साथ देने लगी। अब उसके मुँह से आवाजें आने लगीं- आह.. आह… आह.. राहुल प्लीज़ ज़ोर से.. मैं इस दिन का इंतजार कब से कर रही थी।
मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी.. मैंने उसे करीब 20 मिनट तक दम से चोदा।
अब उसका शरीर कड़ा होने लगा.. मैं समझ गया कि अब इसका काम होने लगा है।
उसने मुझे कस कर पकड़ लिया और उसका पानी निकल गया।
कुछ देर बाद मेरी बारी भी आ गई थी.. और मेरा भी वीर्य उसकी चूत मे ही निकल गया। हम ऐसे ही रात को चिपक कर सो गए।
सुबह होने पर मैं उसके लिए मार्किट से गोली लाया और उसे दी। उसके बाद हमने खाना खाया ओर मैं उसे उसके रूम पर छोड़ आया। फिर उसके रूम पर भी हमने कई बार चुदाई की।
मैंने उसे छह महीने में 10 बार चोदा।
फिर मेरी पढ़ाई पूरी हो गई तो मैं दोबारा चंडीगढ़ आ गया।
अब मुझे उसकी कभी-कभी याद आती है।
यह मेरी पहली कहानी थी.. मुझे लगता है.. आप सबको अच्छी लगी होगी।
मुझे ईमेल करें, आपकी राय का भी मुझे इंतज़ार रहेगा।[email protected]
दोस्तो, मेरा नाम राहुल है, उम्र 20 साल है, मेरी हाईट 5 फुट 8 इंच है। मैं चंडीगढ़ में रहता हूँ। मैं शांत स्वभाव का हूँ।
मैं आज आपसे जो कहानी बता रहा हूँ.. यह मेरी पहली कहानी है.. यह एकदम सच घटना है।
यह तब की बात है.. जब मैं 2 साल पहले दिल्ली में रहता था।
एक दिन मैं मेट्रो में अपनी बुआ के घर जा रहा था, मेरी नजर एक लड़की पर गई, उसका फ़िगर करीब 36-28-34 होगा।
पहले तो मैंने कोई ज्यादा ध्यान नहीं दिया.. पर जब मैं मेट्रो से उतरा.. तो उस लड़की ने मुझे ‘हैलो’ कहा.. तो मैंने देखा कि ये तो वही लड़की थी.. जिसको मैंने मेट्रो में देखा था।
मैंने अपने सर को जरा जुम्बिश दी- हैलो..
वो बोली- आप राहुल है?
मैंने कहा- हाँ मैं राहुल हूँ.. पर आप कौन?
तो उसने कहा- पहचाना नहीं?
मैंने कहा- नहीं..
वो हँस कर बोली- इतनी जल्दी भूल गए?
मैं करीब 5 मिनट तक सोचता रहा कि ये कौन है।
फिर उसने बताया- मैं निशा हूँ… तुम मेरे साथ पढ़ते थे।
तब मुझे याद आया.. और मैंने उसे फिर से ‘हैलो’ कहा.. साथ ही मैंने कहा- चलो कॉफी पीते हैं।
उसने कहा- हाँ चलो.. कुछ बात भी हो जाएगी।
तब मैंने उससे कहा- तुम यहाँ? तुम तो शिमला में रहती थी न?
तब उसने बताया- मैं यहाँ कॉलेज में पढ़ती हूँ। यहीं एक रूम किराये पर लिया हुआ है।
मैंने पूछा- कहाँ?
तो उसने बताया- द्वारका में।
मैंने उसका नंबर लिया और उसे अपना नंबर दिया.. कुछ देर यूँ ही कुछ पल बातचीत हुई और हम दोनों घर चल दिए।
उसके बाद हमारी बात होने लगी। हम कभी-कभी मिलते थे.. पहले तो मेरे मन में उसके बारे में कोई बुरा खयाल नहीं था।
एक दिन मैं अन्तर्वासना पर कहानी पढ़ रहा था.. तब मुझे उसकी याद आ गई। तब से मैं उसे चोदने की सोचने लगा.. पर पूछने की हिम्मत नहीं हुई।
लेकिन एक दिन उसने मुझे अपने घर पर बुलाया.. कहा- आओ.. तुमसे एक जरूरी काम है।
मैं उसके घर गया.. तो वो मुझे कुछ उदास सी लगी.. मैंने उससे पूछने की कोशिश की.. लेकिन उसने कुछ भी नहीं बताया।
हम दोनों साथ में कॉफी पीने लगे। मैं कुछ देर बाद बाथरूम गया.. वहाँ मैंने उसक़ी ब्रा और पैन्टी टंगी देखी.. मैं उसे सूँघने लगा.. वाह.. क्या मस्त महक थी.. यह मेरा पहला अनुभव था।
तब मैंने उसे चोदने का सोच लिया कि इसे चोदकर ही रहूँगा।
फिर एक दिन मैंने उसे अपने घर पर बुलाया.. तो वो आ गई।
हमने साथ में लंच किया.. कुछ देर हमने बात की और वो घर से चली गई लेकिन वो अपना मोबाइल वहाँ पर भूल गई।
जब मैं उसे मोबाइल देने गया.. तो वो एक लड़के से बात कर रही थी। उसके जाने के बाद मैंने उससे पूछा- यह कौन है?
उसने बताया कि वो उसका बॉयफ्रेंड है।
तब मैं उदास हो गया.. उसके बाद हमारी बात कम होने लगी, तब उसे चोदने की तमन्ना अधूरी रह गई।
लेकिन अचानक मेरी किस्मत चमक ही गई। एक दिन जब वो शिमला से दिल्ली वापिस आ रही थी.. तो उसका फ़ोन आया- क्या तुम मुझे लेने आ सकते हो.. स्टेशन पर बारिश हो रही है।
मैं कहा- ओके, मैं आता हूँ।
जब मैं उसे लेने गया.. तब तो मैं उसे देखता ही रह गया। उसने काली जींस और सफेद टॉप पहना हुआ था। मेरे मन में तो उसी वक्त खयाल आया कि इसे यहीं पटक कर चोद दूँ.. लेकिन मैंने कंट्रोल किया और उसे अपने साथ ले आया।
तो उसने मुझसे कहा कि वो आज रात यहीं रुकेगी..
मैं खुश हो गया.. मैंने सोचा आज तो इसे चोद कर रहूँगा।
मैं उसके लिए होटल से खाना लेकर आया.. उसे खाना खिलाने के बाद हम टीवी देखने लगे। हम एक हॉलीवुड मूवी देख रहे थे… उसमें एक सेक्स सीन आया.. मैं जरा घबरा सा गया और मैंने चैनल बदल दिया। लेकिन जब मैंने उसकी तरफ देखा.. तो वो मुस्करा रही थी।
वो मेरी तरफ देख कर बोली- क्या हुआ.. चैनल चेंज क्यों किया.. मुझे मूवी अच्छी लग रही थी।
फिर हमने वो मूवी पूरी देखी.. वो काफी हॉट फिल्म थी.. उसके बाद हम सोने की तैयारी करने लगे।
सोने जाते हुए ��ैंने हिम्मत करके उससे पूछा- क्या तुमने कभी सेक्स किया है?
वो शरमा गई और धीरे से ‘ना’ कहा। मैंने सोचा यह अच्छा मौका है।
मैंने कोई देर किए बिना उसके होंठों पर होंठ लगा कर उसे किस करने लगा.. वो भी मेरा साथ ���ेने लगी।
मैंने धीरे से अपना हाथ उसके टॉप में डाल दिया और उसके मम्मों को दबाने लगा।
सच में.. क्या मस्त चूचे थे उसके.. बहुत ही नरम.. उसे भी इसमें मजा आ रहा था।
मैं उसके मम्मों को ज़ोर से दबाने लगा.. उसके मुँह से आवाजें आने लगीं।
फ़िर मैंने अपना हाथ निकाल कर उसकी जीन्स का बटन खोलने लगा।
वो बोली- रहने दो ना प्लीज.. यह गलत है..
मैंने उससे कहा- कुछ नहीं होगा..
मैंने भी जल्दी से उसकी पैन्टी के अन्दर हाथ डाल दिया.. उसकी पैन्टी गीली हो गई थी।
मैं उसकी चूत को सहलाने लगा.. फिर उंगली चूत में डाल दी.. और अन्दर-बाहर करने लगा।
अब मानो वो पागल सी हो रही थी और उसके मुँह से ‘आआहह उउह्ह्ह्ह..’ की आवाज आने लगी थी.. वो पूरी गर्म हो गई थी.. उसने मेरी टी-शर्ट उतार दी और मुझे किस करने लगी।
मैं अपने दूसरे हाथ से फिर से उसके मम्मों को दबाने लगा।
वो ‘उउह्ह्ह्ह..’ की आवाज़ करने लगी.. वो मेरी जीन्स खोल कर मेरे लंड को दबाने लगी।
मैंने अपनी जीन्स और चड्डी उतार दी.. तो वो मेरा लंड हिलाने लगी और ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगी।
फिर मैंने उससे लंड को चूसने को कहा तो वो ‘ना’ कहने लगी.. पर मेरे समझाने के बाद वो मान ग़ई।
उसने लंड को अपने मुँह में डाल लिया और पागलों की तरह चूसने लगी।
मुझे भी इसमें बहुत मज़ा आ रहा था.. मैं उसके बाल पकड़ कर उसके मुँह में लंड डालने लगा और उसका मुँह चोदने लगा।
मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उसकी पैन्टी उतार दी और उसकी चूत चाटने लगा। वो मेरा सिर पकड़ कर चूत पर दबाने लगी।
मैं भी मजे से उसकी चूत चाट रहा था.. फिर मैंने उसकी ब्रा भी उतार दी। अब वो मेरे सामने पूरी नंगी थी।
मैं उसके मम्मों को ज़ोर से मसलने लगा और वो चिल्लाने लगी।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
मैं उसकी चूचियाँ चूसने लगा.. निप्पल भी चूसने लगा.. कभी-कभी मुँह से निप्पल को काट भी लेता.. तो वो चिल्ला उठती।
अब वो पागल होने लगी थी और लंड डालने के लिए बोलने लगी..
मैंने भी सोचा अब देर नहीं करनी चाहिए, मैं अपना लन्ड उसकी चूत पर रगड़ने लगा, कुछ मिनट बाद मैं अपना लन्ड उसकी चूत में पेलने लगा लेकिन मेरा लन्ड अन्दर नहीं जा रहा था।
मैंने थोड़ा ज़ोर लगाया और उसकी चूत में लौड़ा घुसता चला गया। वो चिल्लाने लगी.. मैंने अपने होंठ उसके होंठ पर रख दिए और थोड़ा ज़ोर लगाने के बाद मेरा पूरा लन्ड उसकी चूत में चला गया.. उसके आँसू निकल आए।
वो चिल्लाने लगी- ओह्ह.. मुझे बहुत दर्द हो रहा है.. मत करो..
मैं उसे समझाने लगा- पहली बार दर्द तो होता ही है.. लेकिन उसके बाद मजा भी आता है.. और यह दर्द का मजा तुमको ज़िंदगी भर याद रहेगा।
कुछ देर बाद वो शांत हुई। तो मैं अपना लन्ड धीरे-धीरे अन्दर-बाहर करने लगा अब उसका दर्द कम हो गया ��ा।
लेकिन मैं हैरान था कि इसका बॉयफ़्रेन्ड भी था और फ़िर भी अभी तक कुंवारी है।
कुछ देर बाद उसे भी मजा आने लगा था.. वो अब मेरा साथ देने लगी। अब उसके मुँह से आवाजें आने लगीं- आह.. आह… आह.. राहुल प्लीज़ ज़ोर से.. मैं इस दिन का इंतजार कब से कर रही थी।
मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी.. मैंने उसे करीब 20 मिनट तक दम से चोदा।
अब उसका शरीर कड़ा होने लगा.. मैं समझ गया कि अब इसका काम होने लगा है।
उसने मुझे कस कर पकड़ लिया और उसका पानी निकल गया।
कुछ देर बाद मेरी बारी भी आ गई थी.. और मेरा भी वीर्य उसकी चूत मे ही निकल गया। हम ऐसे ही रात को चिपक कर सो गए।
सुबह होने पर मैं उसके लिए मार्किट से गोली लाया और उसे दी। उसके बाद हमने खाना खाया ओर मैं उसे उसके रूम पर छोड़ आया। फिर उसके रूम पर भी हमने कई बार चुदाई की।
मैंने उसे छह महीने में 10 बार चोदा।
फिर मेरी पढ़ाई पूरी हो गई तो मैं दोबारा चंडीगढ़ आ गया।
अब मुझे उसकी कभी-कभी याद आती है।
यह मेरी पहली कहानी थी.. मुझे लगता है.. आप सबको अच्छी लगी होगी।
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