इस हिंदी चुदाई कहानी में पढ़ें कि कैसे मैंने अपने दोस्त की माँ को चोदा| जब पहली बार दोस्त के घर में मैंने उसकी अम्मी को देखा तो मेरी आंखें खुली की खुली रह गईं|
हैलो फ्रेंड्स, कैसे हैं| मस्त चूत वाली लड़कियों, प्यारी भाभियों और सेक्सी आंटियों को मेरे खड़े लंड का नमस्कार|
मेरा नाम आशीष है और में 25 साल का हूँ और दिखने में स्मार्ट हूँ| मैं इंदौर का रहने वाला हूँ|
मेरी हिंदी चुदाई कहानी मेरे और मेरे दोस्त की मॉम के बीच बने सेक्स संबंध की है कि कैसे मैंने अपने दोस्त की माँ को चोदा|
ये बात करीब 8 महीने पहले की है| मेरी कॉलोनी में क्रिकेट का ग्राउंड है, जहां बहुत से बच्चे क्रिकेट खेलते हैं| मैं भी उधर क्रिकेट खेलता था| इसी खेल खेल में मेरी एक लड़के से अच्छी दोस्ती हो गयी| उसका नाम इमरान (बदला हुआ नाम) है|
उसने मुझे बहुत बार अपने घर बुलाया कि आप आओ| हम लोग मेरी छत पर खेलेंगे|
उसके बहुत बार बोलने पर मैं उसके घर चला गया|
जब मैं उसके घर पहुंचा, तो उसने दरवाजा खोला और मुझे अन्दर बुलाया|
मैं अन्दर चला गया| उसने अपनी अम्मी को आवाज लगाई| जब उसकी अम्मी बाहर आईं … तो मेरी आंखें खुली की खुली रह गईं|
क्या माल थीं यार वो … उनकी उम्र करीब 42 के आस पास होगी, पर चेहरे पर चमक एकदम 30-32 की उम्र की भाभी जैसी थी| उनका नाम तब्बसुम (बदला हुआ नाम) था| आंटी का फिगर 36-32-40 का था, जो मुझे बाद में उनकी चुदाई के वक्त पता चला था|
वो आकर मेरे सामने ही बैठी थीं| मैं चोर नजरों से उनको देख रहा था| शायद ये उन्होंने देख लिया था, पर कहा कुछ नहीं|
इमरान के पापा बैंक में जॉब करते थे| वो दिन भर घर पर नहीं रहते थे|
फिर मैं थोड़ी देर बातें करके इमरान के साथ छत पर खेलने चला गया| पर खेलने में मेरा मन नहीं लग रहा था| मैं बस चाची के ख्यालों में खो गया था|
एक घंटे बाद मैं अपने घर चला गया, पर चाची का ख्याल मैं अपने दिल और दिमाग से निकाल ही नहीं पा रहा था| मेरा लंड बैठ ही नहीं था|
फिर मैंने अपने रूम में जाकर चाची के नाम की मुठ मारी, तब कहीं आराम आया|
फिर मैं रोज उसके घर जाने लगा और जब भी मैं चाची के सामने या आसपास होता … तो उनको घूरता रहता था|
शायद वो भी समझ रही थी कि मैं उन्हें क्यों घूरता रहता हूँ| पर वो कुछ बोल नहीं रही थीं|
मेरी भी इच्छाएं बढ़ती ही जा रही थीं| मैं हमेशा उनके पास रहने की कोशिश करता रहता था … कभी कभी उनको छूने की भी कोशिश करता था| पर इस तरह से कि उनको लगे कि ये सब गलती से हो गया … पर वो सब समझ रही थीं|
एक दिन मैं इमरान के घर गया और हम दोनों अभी क्रिकेट खेलने की तैयारी ही कर रहे थे कि उसको किसी का फ़ोन आ गया|
वो मुझसे बोला- मैं थोड़ी देर में आता हूँ तुम नीचे रुको|
मैंने भी कहा- ठीक है|
वो चला गया|
मैं भी उसके रूम में चला गया और लैपटॉप चलाने लगा| उस के लैपटॉप में कई ब्लू फ़िल्में थीं मैं एक फिल्म को वॉल्यूम बंद करके देखने लगा| मेरा लंड एकदम खड़ा हो गया था और लोअर में से अलग से ही दिख रहा था|
फिर मैं चाची को देखने के लिये बाहर गया, तो वो किचन में कुछ काम कर रही थीं| उन्होंने आज एकदम फिट लैगी और कुर्ती पहन रखी थी|
लैगी में उनकी जांघें देख कर मेरा लंड और भी सख्त हो गया, जो शायद चाची ने देख लिया था|
आज ऐसा पहली बार हुआ था कि चाची के साथ मैं अकेला था| मैं उनको देखे जा रहा था|
उन्होंने मुझसे कहा- आशीष, जैसे तुम मुझे घूरते रहते हो, वैसे तुमको नहीं देखना चाहिए|
मैंने बेख़ौफ़ कहा- चाची, आप इतनी सुन्दर हैं कि आपको तो कोई भी देखना चाहेगा| मैं चाहे कितनी भी कोशिश कर लूं … मैं आपको देखने से अपने आपको रोक ही नहीं पाता हूँ|
फिर उन्होंने कहा- हां मुझे पता है इस उम्र में ऐसा होता है, पर फिर भी तुम्हें अपने आप पर कण्ट्रोल करना चाहिए … क्योंकि ये सब गलत है|
चाची की बात सुनकर मैं थोड़ा उदास हो गया|
उन्होंने मुझसे कहा- तुम बाहर हॉल में जाओ, मैं चाय बना कर लाती हूँ|
मैं चला गया|
वो थोड़ी देर में चाय लेकर आईं … जब चाची चाय देने के लिये झुकी … तो मुझे उनके मम्मों की घाटी के अच्छे से दर्शन हो गए|
मैंने सोचा कि थोड़ा चांस तो लेना पड़ेगा … नहीं तो हाथ कुछ नहीं लगेगा|
चाची अपनी चाय लेकर मेरे सामने बैठ गईं और पूछने लगीं- तुम्हारी कोई गर्लफ्रैंड नहीं है क्या?
मैंने कहा- नहीं है|
उन्होंने कहा- क्यों?
मैंने हंस कर कहा- मुझे आप जैसी कोई मिली ही नहीं|
वो भी हंस दीं और बोलीं- चल हट बदमाश … मसखरी करता है|
मैंने आह भरते हुए कहा- चाची सच मैं आप बहुत सुन्दर हो … अगर मैं आपका पति होता!
इतना बोलने के बाद मैं रुक गया|
उन्होंने पूछा- पूरा बोल न … यदि तू मेरा पति होता तो क्या?
मैंने कहा- कुछ नहीं … बस …
तो वो बोलीं- क्या सच में मैं तुझे इतनी पसंद हूँ?
मैंने कहा- हां चाची … सच में आप मुझे बहुत सुन्दर लगती हो|
उन्होंने लम्बी सांस भरते हुए कहा- आह … एक तू ही है … जिसे मैं इतनी सुन्दर लगती हूँ … एक मेरे शौहर हैं, जो मेरी तरफ ध्यान ही नहीं देते हैं|
मैंने पूछा- क्यों?
तो वो बोलीं- पता नहीं … लगता है जैसे अब उन्हें मुझमें कोई इंटरेस्ट ही नहीं है|
मैंने कहा- अगर आप मेरी वाइफ होतीं … तो मैं आपको …
मैं फिर बोलते ��ोलते रुक गया|
उन्होंने मेरी आंखों में झांकते हुए कहा- रुक क्यों जाता है … पूरा बोल ना … क्या बोलना चाहता है?
मैंने कहा- आप बुरा मान जाओगी|
उन्होंने कहा- बोल ले … नहीं मानूंगी बुरा|
मैंने कहा- तो मैं आपको रोज प्यार करता … जीभर के … आपको कोई कमी नहीं होने देता|
ये बोलते हुए मैं उठ कर उनके पास जाकर बैठ गया| मैंने अपना हाथ उनकी जांघ पर रख दिया|
तो उन्होंने मेरा हाथ हटा दिया और खड़े होते हुए बोलीं- ये गलत है … तू मेरे बेटे का दोस्त है … और उम्र में भी मुझसे बहुत छोटा है|
मैंने कहा- चाची मैं आपको पसंद करता हूं … आपसे प्यार करता हूँ बस … और मैं कुछ नहीं जानता|
यह कह कर मैंने उन्हें अपनी बांहों में भर लिया| वो मुझसे छूटने की कोशिश कर रही थीं, पर मैंने नहीं छोड़ा|
फिर वो ढीली पड़ गईं और मुझे बांहों में जकड़े रहने दिया| बल्कि वो खुद भी अपनी जकड़न बढ़ाने लगीं|
जब वो भी मुझे अपनी बांहों में जकड़ने लगीं तो मैंने उनकी गर्दन को पीछे करके उन्हें देखा| तो पाया कि दोस्त की अम्मी की आंखों में थोड़े आंसू आ गए थे|
मैंने चाची के आंसू पौंछे और उनके होंठों को किस करने लगा|
पहले तो वो बस यूं ही खड़ी रहीं, पर थोड़ी देर बाद वो भी मेरे किस का रेस्पोंस देने लगीं| मैं उनको जोर से किस करने लगा| मैंने अपना हाथ उनकी कमर में डाला और जैसे ही मैं चाची के मम्मों पर हाथ ले जाने वाला था कि बाहर से इमरान की गाड़ी रुकने की आवाज आ गई और हम दोनों अलग हो गए|
चाची की आंखों में मुझे साफ साफ मायूसी दिखी … पर मुझे अपने घर जाना पड़ा|
अब हम अगली बार मिलने के मौके का इन्तजार करने लगे|
मैं अब काफी बेचैन रहने लगा था|
दो दिन बाद मैंने चाची को कॉल किया तो उन्होंने कहा- पांच दिन बाद इमरान और उसके पापा दो दिन के लिए बाहर जा रहे हैं, तब तुम आ जाना|
मैं खुशी के मारे एकदम से उछल पड़ा|
फिर वो दिन भी आ गया, जब इमरान और उसके पापा चले गए| मैं चाची के घर पहुंचा, तो उन्होंने मुझे प्यार से गले लगाया और अपने कमरे में ले गईं|
चाची ने मुझसे कहा- बैठो, मैं अभी आती हूँ|
मैं चाची के रूम में बैठ गया और वो चाय बनाने चली गईं|
मैंने देखा उन्होंने सलवार सूट पहन रखा था, जो पिंक कलर का था| चाची के ऊपर ये रंग बड़ा मस्त लग रहा था|
दो मिनट बाद चाची चाय लेकर कमरे में आ गईं और हम दोनों ने चाय पी|
वो मेरी आँखों में देखने लगी थीं| मैं उनके एकदम पास बैठ गया और उनको बांहों में लेकर किस करने लगा|
उनको भी मेरे साथ मजा आ रहा था| वो भी एन्जॉय कर रही थीं और हल्के स्वर में मादक सिसकारियां भी ले रही थीं|
अचानक उन्होंने मुझे हटा दिया और किचन की तरफ चली गईं|
मैं भी उनके पीछे पीछे चला गया और उनको पीछे से पकड़ लिया| मैंने एक हाथ चाची की कमर में डाला और दूसरे हाथ से उनके बड़े मम्मों को दबाने लगा| चाची के मम्मे मेरे हाथ में ही नहीं आ रहे थे| उनकी चूचियों की गोलाई का अहसास मुझे पहली बार हो रहा था|
चाची ��ीरे-धीरे ‘अह्ह आहह सीईई ईईई उउम्म|’ किए जा रही थीं|
फिर उन्होंने कहा- पिछले एक साल से मेरे शौहर ने मुझे हाथ तक नहीं लगाया है|
मैंने कहा- डोंट वरी आंटी … अब मैं हूँ ना|
फिर मैंने उनको वहीं डाइनिंग टेबल पर लिटाया और उनकी कुर्ती निकाल कर उनके मम्मों को ब्रा के ऊपर से दबाने लगा| उनके सपाट चिकने पेट को किस करने लगा और नाभि को जीभ से चाटने लगा|
चाची लगातार कामुक आवाजों में मुझे और भी ज्यादा उत्तेजित कर रही थीं ‘अह्ह ह्ह अम्म्म अह्ह्ह सीईई ईईई|’
मैंने अपनी शर्ट निकाल दी और उनकी भी सलवार खोल दी| उनकी नंगी हो चुकी जांघों को मैं जीभ से चाटने लगा| उनको बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था| और वे लगातार मादक आवाज निकाल कर मुझे कुछ ज्यादा ही उकसा रही थीं|
मैंने अपना पैंट खोल दिया और उनको देखा|
उन्होंने मेरे लंड पर अपना हाथ रख कर कहा- आह ये काफी बड़ा है … बड़ा सख्त और मोटा लंड है तेरा आशीष … तू मुझे पहले क्यों नहीं मिला रे … आज काफी मजा आने वाला है|
मैंने चाची की पैंटी भी निकाल दी| उनकी चूत पर छोटे छोटे बाल थे| मैं घुटनों के बल बैठ गया और उनकी चूत को जीभ से चाटने लगा|
उन्होंने मुझे हटाते हुए कहा- क्या कर रहा है तू … हट जा … वो गंदी जगह है| मेरे शौहर कभी ऐसा नहीं करते|
पर उन्हें अच्छा भी लग रहा था, तो मस्त मादक सीत्कार भी करे जा रही थीं ‘अह हह … सीईई … मर गयीईई … रुक जा मत कर|’
आंटी मुझे हटा भी रही थीं और मुझे सर दबा कर अपनी चूत को रगड़वा भी रही थीं|
कुछ देर चूत चूसने के बाद मैंने अपना अंडरवियर निकाला और उठ कर सीधा दोस्त की माँ के हाथ में लंड दे दिया|
वो प्यार से लंड सहलाने लगीं| मेरा लंड और भी सख्त हो गया|
मैंने कहा- चाची लंड मुँह में लो ना|
उन्होंने कहा- उन्ह … मुझसे नहीं होगा … तू सीधे मेरी चूत ही चोद ले|
मैंने भी सोचा कि चलो पहली बार सीधे चूत ही चोदते हैं|
तो मैंने चाची को टेबल पर सीधा लिटा दिया और चूत पर लंड को सैट करके एक धक्का दे मारा| मेरा आधा लंड चूत में घुस गया|
मेरे दोस्त की मम्मी की सिसकारी निकल गई- अह्ह … मर गई … अम्म्म … सीईई| आह आशीष पूरे एक साल के बाद इस चूत ने लंड का स्वाद चखा है| आह तू मेरी प्यास बुझा दे| उन्ह … तू जो बोलेगा वो मैं करूंगी| मुझे कभी छोड़ कर मत जाना प्लीज| आह आशू चोद दे|
मैंने लंड पेलते हुए कहा- हां चाची कभी नहीं जाऊंगा …
मैं जोर जोर से चूत में लंड के धक्के देता रहा| वो भी ‘अहह सीईई … अह्ह … अम्म|’ करती रहीं|
फिर मैंने अपनी स्पीड काफी तेज कर दी और धकापेल चाची की चूत चोदने लगा| उनको काफी मजा आ रहा था| चाची ने अपनी दोनों टांगें हवा में उठा दी थीं और मेरे लंड को पूरा अन्दर तक ले रही थीं|
करीब 10 मिनट की चुदाई के बाद मुझे लगा कि मेरा काम तमाम होने वाला है|
तो मैंने कहा- चाची मेरा होने वाला है … रस कहां निकालूं?
उन्होंने कहा- अन्दर ही निकाल ��े … बड़े दिनों बाद ही सही, पर मेरी चूत को शांति मिल जाएगी|
मैंने लगातार धक्के दस लगाकर चाची की चूत में पिचकारी छोड़ दी|
मुझे लगता है कि मैं अपने जीवन में सबसे ज्यादा देर तक इसी टाइम झड़ा था| मैं वैसे ही चाची के मम्मों के बीच सर रख कर ढेर हो गया| वो मेरे सर को सहलाती रहीं|
फिर मैं उठा और उनको भी उठाया| हम दोनों साथ ही नहाये| फिर उन्होंने खाना बनाया और हमने साथ में खाया|
दोस्त की मॉम ने कहा- अब से मैं तुम्ह��री हूँ| जब चाहो, तुम आकर मुझे प्यार कर सकते हो| पर ये बात किसी को पता नहीं चलना चाहिए|
मैंने कहा- किसी को भी ये बात पता नहीं चलेगी चाची| आप निश्चिन्त रहिए|
मैंने दोस्त की अम्मी को गले लगाया और किस किया और रात को फिर से घर आने का बोल कर मैं अपने घर आ गया|
इस तरह से मैंने दोस्त की माँ को चोदा|
मैंने घर पर बताया कि मुझे मेरे दोस्त के घर सोने जाना है, उनके मोहल्ले में बहुत चोरियां हो रही है| चाची अकेली ही घर पर हैं|
चाची ने भी मेरी मम्मी से बात करके मुझे भेजने की बात कह दी थी|
तो घर से अनुमति मिल गई|
फिर मैं अगले दो दिन उनके साथ ही रहा और बहुत मजा किया| उनको बहुत कुछ सिखाया भी … सीखा भी और आंटी की चूत की चुदाई का मजा भी किया| वो सब मैं अगली बार बताऊंगा|
आपके अच्छे कमेंट से मुझे आगे लिखने में प्रोत्साहन मिलेगा| मेरी इस हिंदी चुदाई कहानी ‘दोस्त की माँ को चोदा’ के लिए अपने विचार मुझे मेरी मेल आईडी पर जरूर भेजें … मुझे इन्तजार रहेगा|
हैलो फ्रेंड्स, कैसे हैं| मस्त चूत वाली लड़कियों, प्यारी भाभियों और सेक्सी आंटियों को मेरे खड़े लंड का नमस्कार|
मेरा नाम आशीष है और में 25 साल का हूँ और दिखने में स्मार्ट हूँ| मैं इंदौर का रहने वाला हूँ|
मेरी हिंदी चुदाई कहानी मेरे और मेरे दोस्त की मॉम के बीच बने सेक्स संबंध की है कि कैसे मैंने अपने दोस्त की माँ को चोदा|
ये बात करीब 8 महीने पहले की है| मेरी कॉलोनी में क्रिकेट का ग्राउंड है, जहां बहुत से बच्चे क्रिकेट खेलते हैं| मैं भी उधर क्रिकेट खेलता था| इसी खेल खेल में मेरी एक लड़के से अच्छी दोस्ती हो गयी| उसका नाम इमरान (बदला हुआ नाम) है|
उसने मुझे बहुत बार अपने घर बुलाया कि आप आओ| हम लोग मेरी छत पर खेलेंगे|
उसके बहुत बार बोलने पर मैं उसके घर चला गया|
जब मैं उसके घर पहुंचा, तो उसने दरवाजा खोला और मुझे अन्दर बुलाया|
मैं अन्दर चला गया| उसने अपनी अम्मी को आवाज लगाई| जब उसकी अम्मी बाहर आईं … तो मेरी आंखें खुली की खुली रह गईं|
क्या माल थीं यार वो … उनकी उम्र करीब 42 के आस पास होगी, पर चेहरे पर चमक एकदम 30-32 की उम्र की भाभी जैसी थी| उनका नाम तब्बसुम (बदला हुआ नाम) था| आंटी का फिगर 36-32-40 का था, जो मुझे बाद में उनकी चुदाई के वक्त पता चला था|
वो आकर मेरे सामने ही बैठी थीं| मैं चोर नजरों से उनको देख रहा था| शायद ये उन्होंने देख लिया था, पर कहा कुछ नहीं|
इमरान के पापा बैंक में जॉब करते थे| वो दिन भर घर पर नहीं रहते थे|
फिर मैं थोड़ी देर बातें करके इमरान के साथ छत पर खेलने चला गया| पर खेलने में मेरा मन नहीं लग रहा था| मैं बस चाची के ख्यालों में खो गया था|
एक घंटे बाद मैं अपने घर चला गया, पर चाची का ख्याल मैं अपने दिल और दिमाग से निकाल ही नहीं पा रहा था| मेरा लंड बैठ ही नहीं था|
फिर मैंने अपने रूम में जाकर चाची के नाम की मुठ मारी, तब कहीं आराम आया|
फिर मैं रोज उसके घर जाने लगा और जब भी मैं चाची के सामने या आसपास होता … तो उनको घूरता रहता था|
शायद वो भी समझ रही थी कि मैं उन्हें क्यों घूरता रहता हूँ| पर वो कुछ बोल नहीं रही थीं|
मेरी भी इच्छाएं बढ़ती ही जा रही थीं| मैं हमेशा उनके पास रहने की कोशिश करता रहता था … कभी कभी उनको छूने की भी कोशिश करता था| पर इस तरह से कि उनको लगे कि ये सब गलती से हो गया … पर वो सब समझ रही थीं|
एक दिन मैं इमरान के घर गया और हम दोनों अभी क्रिकेट खेलने की तैयारी ही कर रहे थे कि उसको किसी का फ़ोन आ गया|
वो मुझसे बोला- मैं थोड़ी देर में आता हूँ तुम नीचे रुको|
मैंने भी कहा- ठीक है|
वो चला गया|
मैं भी उसके रूम में चला गया और लैपटॉप चलाने लगा| उस के लैपटॉप में कई ब्लू फ़िल्में थीं मैं एक फिल्म को वॉल्यूम बंद करके देखने लगा| मेरा लंड एकदम खड़ा हो गया था और लोअर में से अलग से ही दिख रहा था|
फिर मैं चाची को देखने के लिये बाहर गया, तो वो किचन में कुछ काम कर रही थीं| उन्होंने आज एकदम फिट लैगी और कुर्ती पहन रखी थी|
लैगी में उनकी जांघें देख कर मेरा लंड और भी सख्त हो गया, जो शायद चाची ने देख लिया था|
आज ऐसा पहली बार हुआ था कि चाची के साथ मैं अकेला था| मैं उनको देखे जा रहा था|
उन्होंने मुझसे कहा- आशीष, जैसे तुम मुझे घूरते रहते हो, वैसे तुमको नहीं देखना चाहिए|
मैंने बेख़ौफ़ कहा- चाची, आप इतनी सुन्दर हैं कि आपको तो कोई भी देखना चाहेगा| मैं चाहे कितनी भी कोशिश कर लूं … मैं आपको देखने से अपने आपको रोक ही नहीं पाता हूँ|
फिर उन्होंने कहा- हां मुझे पता है इस उम्र में ऐसा होता है, पर फिर भी तुम्हें अपने आप पर कण्ट्रोल करना चाहिए … क्योंकि ये सब गलत है|
चाची की बात सुनकर मैं थोड़ा उदास हो गया|
उन्होंने मुझसे कहा- तुम बाहर हॉल में जाओ, मैं चाय बना कर लाती हूँ|
मैं चला गया|
वो थोड़ी देर में चाय लेकर आईं … जब चाची चाय देने के लिये झुकी … तो मुझे उनके मम्मों की घाटी के अच्छे से दर्शन हो गए|
मैंने सोचा कि थोड़ा चांस तो लेना पड़ेगा … नहीं तो हाथ कुछ नहीं लगेगा|
चाची अपनी चाय लेकर मेरे सामने बैठ गईं और पूछने लगीं- तुम्हारी कोई गर्लफ्रैंड नहीं है क्या?
मैंने कहा- नहीं है|
उन्होंने कहा- क्यों?
मैंने हंस कर कहा- मुझे आप जैसी कोई मिली ही नहीं|
वो भी हंस दीं और बोलीं- चल हट बदमाश … मसखरी करता है|
मैंने आह भरते हुए कहा- चाची सच मैं आप बहुत सुन्दर हो … अगर मैं आपका पति होता!
इतना बोलने के बाद मैं रुक गया|
उन्होंने पूछा- पूरा बोल न … यदि तू मेरा पति होता तो क्या?
मैंने कहा- कुछ नहीं … बस …
तो वो बोलीं- क्या सच में मैं तुझे इतनी पसंद हूँ?
मैंने कहा- हां चाची … सच में आप मुझे बहुत सुन्दर लगती हो|
उन्होंने लम्बी सांस भरते हुए कहा- आह … एक तू ही है … जिसे मैं इतनी सुन्दर लगती हूँ … एक मेरे शौहर हैं, जो मेरी तरफ ध्यान ही नहीं देते हैं|
मैंने पूछा- क्यों?
तो वो बोलीं- पता नहीं … लगता है जैसे अब उन्हें मुझमें कोई इंटरेस्ट ही नहीं है|
मैंने कहा- अगर आप मेरी वाइफ होतीं … तो मैं आपको …
मैं फिर बोलते ��ोलते रुक गया|
उन्होंने मेरी आंखों में झांकते हुए कहा- रुक क्यों जाता है … पूरा बोल ना … क्या बोलना चाहता है?
मैंने कहा- आप बुरा मान जाओगी|
उन्होंने कहा- बोल ले … नहीं मानूंगी बुरा|
मैंने कहा- तो मैं आपको रोज प्यार करता … जीभर के … आपको कोई कमी नहीं होने देता|
ये बोलते हुए मैं उठ कर उनके पास जाकर बैठ गया| मैंने अपना हाथ उनकी जांघ पर रख दिया|
तो उन्होंने मेरा हाथ हटा दिया और खड़े होते हुए बोलीं- ये गलत है … तू मेरे बेटे का दोस्त है … और उम्र में भी मुझसे बहुत छोटा है|
मैंने कहा- चाची मैं आपको पसंद करता हूं … आपसे प्यार करता हूँ बस … और मैं कुछ नहीं जानता|
यह कह कर मैंने उन्हें अपनी बांहों में भर लिया| वो मुझसे छूटने की कोशिश कर रही थीं, पर मैंने नहीं छोड़ा|
फिर वो ढीली पड़ गईं और मुझे बांहों में जकड़े रहने दिया| बल्कि वो खुद भी अपनी जकड़न बढ़ाने लगीं|
जब वो भी मुझे अपनी बांहों में जकड़ने लगीं तो मैंने उनकी गर्दन को पीछे करके उन्हें देखा| तो पाया कि दोस्त की अम्मी की आंखों में थोड़े आंसू आ गए थे|
मैंने चाची के आंसू पौंछे और उनके होंठों को किस करने लगा|
पहले तो वो बस यूं ही खड़ी रहीं, पर थोड़ी देर बाद वो भी मेरे किस का रेस्पोंस देने लगीं| मैं उनको जोर से किस करने लगा| मैंने अपना हाथ उनकी कमर में डाला और जैसे ही मैं चाची के मम्मों पर हाथ ले जाने वाला था कि बाहर से इमरान की गाड़ी रुकने की आवाज आ गई और हम दोनों अलग हो गए|
चाची की आंखों में मुझे साफ साफ मायूसी दिखी … पर मुझे अपने घर जाना पड़ा|
अब हम अगली बार मिलने के मौके का इन्तजार करने लगे|
मैं अब काफी बेचैन रहने लगा था|
दो दिन बाद मैंने चाची को कॉल किया तो उन्होंने कहा- पांच दिन बाद इमरान और उसके पापा दो दिन के लिए बाहर जा रहे हैं, तब तुम आ जाना|
मैं खुशी के मारे एकदम से उछल पड़ा|
फिर वो दिन भी आ गया, जब इमरान और उसके पापा चले गए| मैं चाची के घर पहुंचा, तो उन्होंने मुझे प्यार से गले लगाया और अपने कमरे में ले गईं|
चाची ने मुझसे कहा- बैठो, मैं अभी आती हूँ|
मैं चाची के रूम में बैठ गया और वो चाय बनाने चली गईं|
मैंने देखा उन्होंने सलवार सूट पहन रखा था, जो पिंक कलर का था| चाची के ऊपर ये रंग बड़ा मस्त लग रहा था|
दो मिनट बाद चाची चाय लेकर कमरे में आ गईं और हम दोनों ने चाय पी|
वो मेरी आँखों में देखने लगी थीं| मैं उनके एकदम पास बैठ गया और उनको बांहों में लेकर किस करने लगा|
उनको भी मेरे साथ मजा आ रहा था| वो भी एन्जॉय कर रही थीं और हल्के स्वर में मादक सिसकारियां भी ले रही थीं|
अचानक उन्होंने मुझे हटा दिया और किचन की तरफ चली गईं|
मैं भी उनके पीछे पीछे चला गया और उनको पीछे से पकड़ लिया| मैंने एक हाथ चाची की कमर में डाला और दूसरे हाथ से उनके बड़े मम्मों को दबाने लगा| चाची के मम्मे मेरे हाथ में ही नहीं आ रहे थे| उनकी चूचियों की गोलाई का अहसास मुझे पहली बार हो रहा था|
चाची ��ीरे-धीरे ‘अह्ह आहह सीईई ईईई उउम्म|’ किए जा रही थीं|
फिर उन्होंने कहा- पिछले एक साल से मेरे शौहर ने मुझे हाथ तक नहीं लगाया है|
मैंने कहा- डोंट वरी आंटी … अब मैं हूँ ना|
फिर मैंने उनको वहीं डाइनिंग टेबल पर लिटाया और उनकी कुर्ती निकाल कर उनके मम्मों को ब्रा के ऊपर से दबाने लगा| उनके सपाट चिकने पेट को किस करने लगा और नाभि को जीभ से चाटने लगा|
चाची लगातार कामुक आवाजों में मुझे और भी ज्यादा उत्तेजित कर रही थीं ‘अह्ह ह्ह अम्म्म अह्ह्ह सीईई ईईई|’
मैंने अपनी शर्ट निकाल दी और उनकी भी सलवार खोल दी| उनकी नंगी हो चुकी जांघों को मैं जीभ से चाटने लगा| उनको बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था| और वे लगातार मादक आवाज निकाल कर मुझे कुछ ज्यादा ही उकसा रही थीं|
मैंने अपना पैंट खोल दिया और उनको देखा|
उन्होंने मेरे लंड पर अपना हाथ रख कर कहा- आह ये काफी बड़ा है … बड़ा सख्त और मोटा लंड है तेरा आशीष … तू मुझे पहले क्यों नहीं मिला रे … आज काफी मजा आने वाला है|
मैंने चाची की पैंटी भी निकाल दी| उनकी चूत पर छोटे छोटे बाल थे| मैं घुटनों के बल बैठ गया और उनकी चूत को जीभ से चाटने लगा|
उन्होंने मुझे हटाते हुए कहा- क्या कर रहा है तू … हट जा … वो गंदी जगह है| मेरे शौहर कभी ऐसा नहीं करते|
पर उन्हें अच्छा भी लग रहा था, तो मस्त मादक सीत्कार भी करे जा रही थीं ‘अह हह … सीईई … मर गयीईई … रुक जा मत कर|’
आंटी मुझे हटा भी रही थीं और मुझे सर दबा कर अपनी चूत को रगड़वा भी रही थीं|
कुछ देर चूत चूसने के बाद मैंने अपना अंडरवियर निकाला और उठ कर सीधा दोस्त की माँ के हाथ में लंड दे दिया|
वो प्यार से लंड सहलाने लगीं| मेरा लंड और भी सख्त हो गया|
मैंने कहा- चाची लंड मुँह में लो ना|
उन्होंने कहा- उन्ह … मुझसे नहीं होगा … तू सीधे मेरी चूत ही चोद ले|
मैंने भी सोचा कि चलो पहली बार सीधे चूत ही चोदते हैं|
तो मैंने चाची को टेबल पर सीधा लिटा दिया और चूत पर लंड को सैट करके एक धक्का दे मारा| मेरा आधा लंड चूत में घुस गया|
मेरे दोस्त की मम्मी की सिसकारी निकल गई- अह्ह … मर गई … अम्म्म … सीईई| आह आशीष पूरे एक साल के बाद इस चूत ने लंड का स्वाद चखा है| आह तू मेरी प्यास बुझा दे| उन्ह … तू जो बोलेगा वो मैं करूंगी| मुझे कभी छोड़ कर मत जाना प्लीज| आह आशू चोद दे|
मैंने लंड पेलते हुए कहा- हां चाची कभी नहीं जाऊंगा …
मैं जोर जोर से चूत में लंड के धक्के देता रहा| वो भी ‘अहह सीईई … अह्ह … अम्म|’ करती रहीं|
फिर मैंने अपनी स्पीड काफी तेज कर दी और धकापेल चाची की चूत चोदने लगा| उनको काफी मजा आ रहा था| चाची ने अपनी दोनों टांगें हवा में उठा दी थीं और मेरे लंड को पूरा अन्दर तक ले रही थीं|
करीब 10 मिनट की चुदाई के बाद मुझे लगा कि मेरा काम तमाम होने वाला है|
तो मैंने कहा- चाची मेरा होने वाला है … रस कहां निकालूं?
उन्होंने कहा- अन्दर ही निकाल ��े … बड़े दिनों बाद ही सही, पर मेरी चूत को शांति मिल जाएगी|
मैंने लगातार धक्के दस लगाकर चाची की चूत में पिचकारी छोड़ दी|
मुझे लगता है कि मैं अपने जीवन में सबसे ज्यादा देर तक इसी टाइम झड़ा था| मैं वैसे ही चाची के मम्मों के बीच सर रख कर ढेर हो गया| वो मेरे सर को सहलाती रहीं|
फिर मैं उठा और उनको भी उठाया| हम दोनों साथ ही नहाये| फिर उन्होंने खाना बनाया और हमने साथ में खाया|
दोस्त की मॉम ने कहा- अब से मैं तुम्ह��री हूँ| जब चाहो, तुम आकर मुझे प्यार कर सकते हो| पर ये बात किसी को पता नहीं चलना चाहिए|
मैंने कहा- किसी को भी ये बात पता नहीं चलेगी चाची| आप निश्चिन्त रहिए|
मैंने दोस्त की अम्मी को गले लगाया और किस किया और रात को फिर से घर आने का बोल कर मैं अपने घर आ गया|
इस तरह से मैंने दोस्त की माँ को चोदा|
मैंने घर पर बताया कि मुझे मेरे दोस्त के घर सोने जाना है, उनके मोहल्ले में बहुत चोरियां हो रही है| चाची अकेली ही घर पर हैं|
चाची ने भी मेरी मम्मी से बात करके मुझे भेजने की बात कह दी थी|
तो घर से अनुमति मिल गई|
फिर मैं अगले दो दिन उनके साथ ही रहा और बहुत मजा किया| उनको बहुत कुछ सिखाया भी … सीखा भी और आंटी की चूत की चुदाई का मजा भी किया| वो सब मैं अगली बार बताऊंगा|
आपके अच्छे कमेंट से मुझे आगे लिखने में प्रोत्साहन मिलेगा| मेरी इस हिंदी चुदाई कहानी ‘दोस्त की माँ को चोदा’ के लिए अपने विचार मुझे मेरी मेल आईडी पर जरूर भेजें … मुझे इन्तजार रहेगा|