दोस्त की गोद भर दी
सूरज
मेरा नाम सूरज (बदला हुआ) है, मैं रोज अपने मोबाइल पर अन्तर्वासना की कहानियाँ पढ़ता हूँ। पर यह मेरी पहली कहानी है। मैं पुणे, महाराष्ट्र से हूँ। मैं एक कंपनी में जॉब करता हूँ, वहाँ मेनेजर हूँ।
यह घटना 6 महीने पहले की है।
मेरे ऑफिस में तो मेरे नीचे 15 लोग है। पर मुझे सुनीता (बदला हुआ नाम) बहुत सेक्सी लगती है। उसकी उम्र 27 साल है। उसका साइज़ 36-28-37 है। मैं रोज उसे पटाने के बारे में सोचता था। वो ऑफिस में कुछ नर्वस और उदास दिखती थी।
एक दिन मैंने उससे उसकी उदासी का कारण पूछा मगर उसने मुझे कुछ नहीं बताया। वैसे तो हम दोनों अच्छे दोस्त थे, मुझे तरक्की मिली थी इस लिए वो मेरे नीचे हो गई थी। पहले हम दोनों एक साथ ही काम करते थे और आने जाने के लिए भी साथ-साथ थे और आज भी आते जाते हैं। मेरे ज्यादा जोर देने के बाद उसने कहा- बाद में कभी बताऊँगी, यह हमारे पति-पत्नी के बीच का मामला है।
मैंने कहा- ठीक है।
और शाम को जाते टाइम मैंने उसे फिर से टोका, तब भी उसने मुझे नहीं बताया। पर मैं तो उसके लिए पागल होता जा रहा था, मैंने उसे हमारे छुट्टी के दिन काम के बहाने से ट्रिप का न्योता दिया, उसने बहुत देर बाद स्वीकार किया, उसने पहले मना किया फिर राजी हुई।
मैंने उसे बताया कि हमें मोर्निंग में 6 बजे निकलना था।
उस दिन सुबह से ही बारिश चालू थी। इसलिए मैंने मेरे अंकल का ४ व्हीलर लिया और हम दोनों निकले।
उस दिन भी वो उदास थी, मैंने उसे कहा- आज तो हम एन्जॉय करने जा रहे हैं, और तू उदास है।
उसने कहा- घर में सब लोगों को मैं बोझ लगती हूँ।
मैंने पूछा- किसलिए?
तो उसने कहा- मेरे शादी को 3 साल हो गए पर अभी तक कोई बच्चा नहीं है।
मैंने उसे डॉक्टर के पास जाने की सलाह दी तो उसने कहा- मैंने चेकअप कराया है पर मुझ में कोई कमी नहीं है।
मैंने उसे पूछा- एक बात बोलूँ तो गुस्सा नहीं होगी ना?
उसने बोला- नहीं, बोलो !मैं- अपने पति का भी चेकअप करवा लो।
उसने कहा- उसकी कोई जरूरत नहीं।
मैंने पूछा- तो पता कैसे चलेगा?
उसने कहा- नहीं बताऊँगी, पर मुझे मालूम है।
मैं- अगर बताओगी तो मैं कुछ मदद कर पाऊँ।
उसने मुझसे वादा लिया कि मैं किसी को ना बताऊँ।
मैंने हाँ कर दी तो उसने कहा- वो मुझे पूरी तरह संतुष्ट भी नहीं कर पाते !
मैं शांत रहा।
तो उसने पूछा- क्या हुआ?
मैं- कुछ नहीं ! मैं इस में क्या मदद कर पाऊँगा?
मैं क्या सोच रहा था, मेरे दिल में तो बहुत कुछ था।
उसने कहा- कर सकते हो पर किसी को बताये बिना।
मैं अंजान बना रहा और पूछा- किस तरह?
तो उसने कहा- तुम मुझे बच्चा दो।
और शरमा गई।
मैंने उसके कंधों पर हाथ रखते हुए कहा- तुम राजी हो?
तो उसने हाँ में सर हिलाया मगर शर्म के मारे आँखे नीचे ही थी तो मैंने उसे पूछा- आज से ही कोशिश चालू करें?
उसने हामी भर दी।मैंने उसे पूछा- कहाँ? किसी होटल में या?
उसने कहा- घूमने का प्रोग्राम रद्द करके मेरे घर चलो।
मैं- और तुम्हारा पति?
उसने कहा- वो ऑफिस के काम से बाहर गए हैं रात को 2-3 बजे आयेंगे।
हम वापस उसके घर आये। सुबह के करीब 8 बजे थे।
अंदर आते ही मैंने उसे अपनी बाहों में भर लिया और चूमने लगा।
अब वो भी खुल रही थी और मैं उसके लबों पर अपने होंठ रख कर चूसने लगा, वो भी साथ दे रही थी।
उसने कहा- बेडरूम में तो चलो ! फिर करना जो करना है।
हम दोनों उसके बेडरूम में गए और फिर से किस्सिंग चालू की। अब वो भी गर्म हो रही थी, मेरा लंड तो पहले से तैयार था। किस करते करते मेरा हाथ उसके बूब्स पर गया और मैं उन्हें सहलाने लगा। लगभग बीस मिनट की चूमाचाटी, मसला-मसली के बाद हम दोनों अलग हुए। मैं उसके साड़ी का पल्लू पकड़ कर उसकी साड़ी खींचने लगा।
क्या लग रही थी वो ! मैं शब्दों में बता नहीं पाऊँगा !
उसके बाद उसका ब्लाऊज निकाला, उसके बूब्स ब्रा के अंदर से बाहर आने के लिए तड़प रहे थे। फिर मैंने उसका पेटीकोट निकाल दिया, उसके बाद ब्रा, फिर पैंटी भी निकाल दी और उसके बूब्स चूसने लगा। अब वो भी पूरी तरह से गरम हो चुकी थी। मैंने उसे मेरे कपड़े उतारने के लिए कहा तो वो थोड़ा डर रही थी।
मैंने कहा- अब मुझे अपना पति ही समझ लो। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।
बाद में उसने मेरे एक एक करके सारे कपड़े निकाले और बोली- तुम्हारा तो मेरे पति से भी बड़ा और मोटा है।
मैंने उसे चूसने बोला तो वो बोली- नहीं, पहले कभी भी नहीं चूसा, गन्दा लगता है।
फिर मैंने उसकी चूत को चाटना चालू किया वो और भी गर्म हो गई और उसने कहा- मेरा निकलने वाला है, मुँह हटा लो।
मैं- रहने दो, छोड़ दो तुम।
उसने पानी निकाल दिया और शांत हुई। मैंने फिर उसे चूसने कहा, बहुत समझाने के बाद उसने मुँह में लिया और चूसने लगी।
मुझे भी अब मजा आने लगा था। मैं अभी उसके मुँह में ही धक्के मार रहा था। करीब 15 मिनट बाद मैं झड़ने को आया तो मैंने उसे बताया, उसने कहा- तुमने मेरा इतना पानी पिया, अब मुझे भी चखना है।
और मैंने उसके मुँह में ही पानी छोड़ दिया। अब हम दोनों बेड पर एक दूसरे से बातें करते हुए एक दूसरे के अंगों से खेल रहे थे।
उसने कहा- आज तक इतना मजा कभी नहीं आया, राज (उसका पति) तो गर्म करते है और मेरा निकलने से पहले ही निढाल हो जाते हैं। मैं तो भूखी ही रहती हूँ।
अभी आधा घंटा हुआ था, मैंने पूछा- बीयर पियोगी?
उसने कहा- मैंने नहीं पी आज तक !
अब तक तो हम दोनों भी गर्म हो चुके थे, मैंने कहा- चलो एक राउण्ड खत्म कर लें?
वो बोली- जरूर !
मैंने उसे घोड़ी बनने कहा तो वो घूम गई, मैंने उसके पीछे से चूत में लंड डाल दिया, उसको थोडा दर्द हुआ पर उसने सह लिया, जोर से तीन झटकों के बाद पूरा लंड अन्दर गया। अब मैं उसे चोदते हुए उसके बूब्स दबा रहा था।
वो भी अभी पूरी मस्ती में थी, बोल रही थी- और जोर से ! जोर से !
मेरा लंड उसकी बच्चेदानी तक जा रहा था इसलिए वो और गर्म हो रही थी। फिर वो झड़ गई और मैं लगातार धक्के मार रहा था।
वो फिर गरम हुई और कुछ बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए और मैं उसके ऊपर पड़ा रहा।
दस मिनट बाद हम दोनों अलग हुए, फ्रेश हुए, बेड पर दोनों के वीर्य के दाग दिख रहे थे।
मैंने कहा- हम दोनों खाना खा के आयेंगे बाहर से।
तो उसने कहा- नहीं, घर पर ही लायेंगे।
दोनों तैयार हुए, वो बहुत खुश दिख रही थी। क्या दिख रही थी वो, उसका वो रूप याद आ जाता है तो मेरा लंड खड़ा हो जाता है।
मैंने उसे बाहों में लेकर चूमना चालू किया, उसने कहा- अब आज का पूरा दिन आपका है।
फिर हम दोनों खाना लाने गए, मैंने 4 बीयर भी ली और घर आने के बाद उसे भी एक बीयर पिलाई और खाना खाकर नशे ��ें चुदाई की।
उस दिन मैंने उसकी गांड भी मारी, उसकी गांड तो अब तक कुंवारी थी।
हम दोनों ऑफिस रुक कर अपना काम कर लेते थे, मैं रोज उसे चोदता था। अब वो गर्भवती है तो अब हम कम ही सेक्स करते हैं।
अब उसके घर वाले उसे प्यार करने लगे हैं।
आपको यह कहानी कैसे लगी, जरूर बताना।
सूरज
मेरा नाम सूरज (बदला हुआ) है, मैं रोज अपने मोबाइल पर अन्तर्वासना की कहानियाँ पढ़ता हूँ। पर यह मेरी पहली कहानी है। मैं पुणे, महाराष्ट्र से हूँ। मैं एक कंपनी में जॉब करता हूँ, वहाँ मेनेजर हूँ।
यह घटना 6 महीने पहले की है।
मेरे ऑफिस में तो मेरे नीचे 15 लोग है। पर मुझे सुनीता (बदला हुआ नाम) बहुत सेक्सी लगती है। उसकी उम्र 27 साल है। उसका साइज़ 36-28-37 है। मैं रोज उसे पटाने के बारे में सोचता था। वो ऑफिस में कुछ नर्वस और उदास दिखती थी।
एक दिन मैंने उससे उसकी उदासी का कारण पूछा मगर उसने मुझे कुछ नहीं बताया। वैसे तो हम दोनों अच्छे दोस्त थे, मुझे तरक्की मिली थी इस लिए वो मेरे नीचे हो गई थी। पहले हम दोनों एक साथ ही काम करते थे और आने जाने के लिए भी साथ-साथ थे और आज भी आते जाते हैं। मेरे ज्यादा जोर देने के बाद उसने कहा- बाद में कभी बताऊँगी, यह हमारे पति-पत्नी के बीच का मामला है।
मैंने कहा- ठीक है।
और शाम को जाते टाइम मैंने उसे फिर से टोका, तब भी उसने मुझे नहीं बताया। पर मैं तो उसके लिए पागल होता जा रहा था, मैंने उसे हमारे छुट्टी के दिन काम के बहाने से ट्रिप का न्योता दिया, उसने बहुत देर बाद स्वीकार किया, उसने पहले मना किया फिर राजी हुई।
मैंने उसे बताया कि हमें मोर्निंग में 6 बजे निकलना था।
उस दिन सुबह से ही बारिश चालू थी। इसलिए मैंने मेरे अंकल का ४ व्हीलर लिया और हम दोनों निकले।
उस दिन भी वो उदास थी, मैंने उसे कहा- आज तो हम एन्जॉय करने जा रहे हैं, और तू उदास है।
उसने कहा- घर में सब लोगों को मैं बोझ लगती हूँ।
मैंने पूछा- किसलिए?
तो उसने कहा- मेरे शादी को 3 साल हो गए पर अभी तक कोई बच्चा नहीं है।
मैंने उसे डॉक्टर के पास जाने की सलाह दी तो उसने कहा- मैंने चेकअप कराया है पर मुझ में कोई कमी नहीं है।
मैंने उसे पूछा- एक बात बोलूँ तो गुस्सा नहीं होगी ना?
उसने बोला- नहीं, बोलो !मैं- अपने पति का भी चेकअप करवा लो।
उसने कहा- उसकी कोई जरूरत नहीं।
मैंने पूछा- तो पता कैसे चलेगा?
उसने कहा- नहीं बताऊँगी, पर मुझे मालूम है।
मैं- अगर बताओगी तो मैं कुछ मदद कर पाऊँ।
उसने मुझसे वादा लिया कि मैं किसी को ना बताऊँ।
मैंने हाँ कर दी तो उसने कहा- वो मुझे पूरी तरह संतुष्ट भी नहीं कर पाते !
मैं शांत रहा।
तो उसने पूछा- क्या हुआ?
मैं- कुछ नहीं ! मैं इस में क्या मदद कर पाऊँगा?
मैं क्या सोच रहा था, मेरे दिल में तो बहुत कुछ था।
उसने कहा- कर सकते हो पर किसी को बताये बिना।
मैं अंजान बना रहा और पूछा- किस तरह?
तो उसने कहा- तुम मुझे बच्चा दो।
और शरमा गई।
मैंने उसके कंधों पर हाथ रखते हुए कहा- तुम राजी हो?
तो उसने हाँ में सर हिलाया मगर शर्म के मारे आँखे नीचे ही थी तो मैंने उसे पूछा- आज से ही कोशिश चालू करें?
उसने हामी भर दी।मैंने उसे पूछा- कहाँ? किसी होटल में या?
उसने कहा- घूमने का प्रोग्राम रद्द करके मेरे घर चलो।
मैं- और तुम्हारा पति?
उसने कहा- वो ऑफिस के काम से बाहर गए हैं रात को 2-3 बजे आयेंगे।
हम वापस उसके घर आये। सुबह के करीब 8 बजे थे।
अंदर आते ही मैंने उसे अपनी बाहों में भर लिया और चूमने लगा।
अब वो भी खुल रही थी और मैं उसके लबों पर अपने होंठ रख कर चूसने लगा, वो भी साथ दे रही थी।
उसने कहा- बेडरूम में तो चलो ! फिर करना जो करना है।
हम दोनों उसके बेडरूम में गए और फिर से किस्सिंग चालू की। अब वो भी गर्म हो रही थी, मेरा लंड तो पहले से तैयार था। किस करते करते मेरा हाथ उसके बूब्स पर गया और मैं उन्हें सहलाने लगा। लगभग बीस मिनट की चूमाचाटी, मसला-मसली के बाद हम दोनों अलग हुए। मैं उसके साड़ी का पल्लू पकड़ कर उसकी साड़ी खींचने लगा।
क्या लग रही थी वो ! मैं शब्दों में बता नहीं पाऊँगा !
उसके बाद उसका ब्लाऊज निकाला, उसके बूब्स ब्रा के अंदर से बाहर आने के लिए तड़प रहे थे। फिर मैंने उसका पेटीकोट निकाल दिया, उसके बाद ब्रा, फिर पैंटी भी निकाल दी और उसके बूब्स चूसने लगा। अब वो भी पूरी तरह से गरम हो चुकी थी। मैंने उसे मेरे कपड़े उतारने के लिए कहा तो वो थोड़ा डर रही थी।
मैंने कहा- अब मुझे अपना पति ही समझ लो। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।
बाद में उसने मेरे एक एक करके सारे कपड़े निकाले और बोली- तुम्हारा तो मेरे पति से भी बड़ा और मोटा है।
मैंने उसे चूसने बोला तो वो बोली- नहीं, पहले कभी भी नहीं चूसा, गन्दा लगता है।
फिर मैंने उसकी चूत को चाटना चालू किया वो और भी गर्म हो गई और उसने कहा- मेरा निकलने वाला है, मुँह हटा लो।
मैं- रहने दो, छोड़ दो तुम।
उसने पानी निकाल दिया और शांत हुई। मैंने फिर उसे चूसने कहा, बहुत समझाने के बाद उसने मुँह में लिया और चूसने लगी।
मुझे भी अब मजा आने लगा था। मैं अभी उसके मुँह में ही धक्के मार रहा था। करीब 15 मिनट बाद मैं झड़ने को आया तो मैंने उसे बताया, उसने कहा- तुमने मेरा इतना पानी पिया, अब मुझे भी चखना है।
और मैंने उसके मुँह में ही पानी छोड़ दिया। अब हम दोनों बेड पर एक दूसरे से बातें करते हुए एक दूसरे के अंगों से खेल रहे थे।
उसने कहा- आज तक इतना मजा कभी नहीं आया, राज (उसका पति) तो गर्म करते है और मेरा निकलने से पहले ही निढाल हो जाते हैं। मैं तो भूखी ही रहती हूँ।
अभी आधा घंटा हुआ था, मैंने पूछा- बीयर पियोगी?
उसने कहा- मैंने नहीं पी आज तक !
अब तक तो हम दोनों भी गर्म हो चुके थे, मैंने कहा- चलो एक राउण्ड खत्म कर लें?
वो बोली- जरूर !
मैंने उसे घोड़ी बनने कहा तो वो घूम गई, मैंने उसके पीछे से चूत में लंड डाल दिया, उसको थोडा दर्द हुआ पर उसने सह लिया, जोर से तीन झटकों के बाद पूरा लंड अन्दर गया। अब मैं उसे चोदते हुए उसके बूब्स दबा रहा था।
वो भी अभी पूरी मस्ती में थी, बोल रही थी- और जोर से ! जोर से !
मेरा लंड उसकी बच्चेदानी तक जा रहा था इसलिए वो और गर्म हो रही थी। फिर वो झड़ गई और मैं लगातार धक्के मार रहा था।
वो फिर गरम हुई और कुछ बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए और मैं उसके ऊपर पड़ा रहा।
दस मिनट बाद हम दोनों अलग हुए, फ्रेश हुए, बेड पर दोनों के वीर्य के दाग दिख रहे थे।
मैंने कहा- हम दोनों खाना खा के आयेंगे बाहर से।
तो उसने कहा- नहीं, घर पर ही लायेंगे।
दोनों तैयार हुए, वो बहुत खुश दिख रही थी। क्या दिख रही थी वो, उसका वो रूप याद आ जाता है तो मेरा लंड खड़ा हो जाता है।
मैंने उसे बाहों में लेकर चूमना चालू किया, उसने कहा- अब आज का पूरा दिन आपका है।
फिर हम दोनों खाना लाने गए, मैंने 4 बीयर भी ली और घर आने के बाद उसे भी एक बीयर पिलाई और खाना खाकर नशे ��ें चुदाई की।
उस दिन मैंने उसकी गांड भी मारी, उसकी गांड तो अब तक कुंवारी थी।
हम दोनों ऑफिस रुक कर अपना काम कर लेते थे, मैं रोज उसे चोदता था। अब वो गर्भवती है तो अब हम कम ही सेक्स करते हैं।
अब उसके घर वाले उसे प्यार करने लगे हैं।
आपको यह कहानी कैसे लगी, जरूर बताना।