दोस्त की छोटी बहन को चोदा- 2
हॉट गर्ल Xxx हिंदी कहानी में मैंने अपने दोस्त की छोटी बहन की कुंवारी बुर फाड़ कर उसे कलि से फूल बना दिया. वो खुद अपने जीवन की पहली चुदाई के लिए मारी जा रही थी.
दोस्तो, मैं कान्हा साहू आपको अपने दोस्त की मदमस्त बहन पीहू की चुदाई की कहानी सुना रहा था.
कहानी के पहले भागदोस्त की छोटी बहन की कुंवारी बुर
में अब तक आपने पढ़ा था कि रात में मैंने पीहू की चूत में उंगली करके उसे भी ठंडी कर दिया था और खुद भी मुठ मार कर सो गया था.
अब आगे हॉट गर्ल Xxx हिंदी कहानी:
रात को तीन बजे मेरे डेकोरटर ने फोन किया.
वो मुझे नीचे बुला रहे थे.
मैं गया तो सभी बहुत थक गए थे.
मैंने सभी के लिए चाय नाश्ता का इंतजाम किया और पास के पेट्रोल पंप के पास से एक पंचर वाले को भी बुलाने का इंतजाम कर लिया.
सुबह 6 बजे मैं पीहू को उठाने के लिए गया तो वो एकदम नंगी पड़ी थी और बहुत गहरी नींद में थी.
मतलब मेरे जाते ही उसने अपनी पैंटी भी उतार दी थी.
मैंने अपने फोन पर उसकी नंगी फोटो ले ली और एक बार फिर से चूचियों को हल्के से दबा दिया.
उसकी चूत के पास एक किस किया और उसके ऊपर चादर डाल दी.
फिर मैंने जोर से उसकी पैर पर च्यूंटी काटी तो वो हड़बड़ा कर उठ गई.
उसके यूं उठने से चादर मम्मों से अलग हो गई.
मैं उसकी नंगी चूचियों को देख रहा था.
मेरी नजरों का पीछा करते हुए उसने अपने मम्मों की ओर देखा तो शर्मा गई.
इधर मेरा लंड खड़ा हो गया था.
फिर पीहू ने अपनी ब्रा उठाई और मेरे सामने ही पहनने लगी.
उसके खड़े होकर ब्रा पहनने से उसके दूध काफी बड़े लग रहे थे. उसकी ब्रा का हुक भी नहीं लग रहा था.
पीहू ने मुझसे ब्रा का हुक लगाने को कहा.
मैं पीहू के पीछे खड़ा होकर हुक लगाने लगा तो मेरा खड़ा लंड उसकी गांड में टच होने लगा था.
ये देखकर पीहू मुस्कुराने लगी.
मैंने उसे अपनी बांहों में ले लिया तो वो मुझे चूमने लगी.
मैंने कहा- वापस कपड़े उतारूं?
वो हंस कर बोली- जब उतारे थे, तब तो तुम्हारा भेजा घास चरने गया था. अब घर चलो.
मैंने कहा- अब भेजा घास चरने नहीं जाएगा.
वो बोली- अब नहीं, बाद में देखेंगे.
उसने कपड़े पहने और हम दोनों उसके घर चले गए.
आंटी ने चाय दी और मुझे फ्रेश होने के लिए पीहू के रूम में भेज दिया.
जब मैं रूम में पहुंचा तो बाथरूम में वो नहा रही थी.
मैं वहीं बैठ कर टीवी देखने लगा. तभी पीहू बाथरूम से बाहर निकली. उसने कुछ नहीं पहना हुआ था वो पूरी नंगी थी. उसके शरीर पर पानी के बूंदें मोती की तरह चमक रही थीं.
मुझे कमरे में देख कर वो थोड़ा सकपका गई और बोलने लगी- तुम यहां क्या कर रहे हो?
मैंने भी बोल दिया- मुझे आंटी ने तुम्हारे रूम में घास चरने भेजा है.
वो हंस दी.
फिर मैं बाथरूम के अन्दर चला गया, वहां से बाहर देखने के लिए मैंने दरवाजे को थोड़ा खुला रखा.
मैंने बाहर देखा तो पीहू अपने शरीर में तेल लगा कर मालिश कर रही थी और मम्मों को अपने हाथ से दबा रही थी.
एक हाथ में तेल लेकर अपनी चूत में उंगली कर रही थी.
वो बहुत गर्म हो गई थी.
ये सब देख कर मेरे भी लंड ने मुझसे हिलाने की डिमांड की और मैंने मुठ मारकर लंड से पानी निकाल दिया.
तभी आंटी ने पीहू को बुलाने के लिए आवाज दी.
पीहू ने बिना ब्रा के ही एक ढीली सी टॉप पहन ली और नीचे पैंटी भी नहीं पहनी.
मैं समझ गया कि आज ये चुदाई के लिए तैयार है.
मैं फ्रेश होकर बाहर आ गया.
आंटी ने नाश्ता लगाया.
हम सभी बैठ कर बात करते हुए नाश्ता कर रहे थे.
मैंने आंटी से कहा- आज ही सारे काम पूरा करना है. आज हम दोनों को वहीं रुकना पड़ेगा.
आंटी ने मंजूरी दे दी.
पीहू खुश दिख रही थी.
हम लोग कुछ देर बाद फार्म हाउस के लिए निकल गए.
सब��े पहले जनरेटर को ठीक कराया, फिर बंगले की सफाई कराई.
दिन भर में सारे काम पूरे हो गए थे.
आज रात वहां कोई नहीं था.
नौकर लोगों के लिए अलग जगह थी.
फार्म हाउस के पिछले हिस्से में एक रूम बना था.
मैंने पीहू को बाहर डिनर के लिए ले गया तो वो बहुत खुश नजर आ रही थी.
पहले मैंने अपने लिए व्हिस्की मंगाई तो पीहू ने भी पीने की इच्छा ज़ाहिर की.
हम दोनों ने दो दो पैग पीए और खाना खाने के बाद मैंने एक सिगरेट जलाई.
पीहू ने भी हाथ बढ़ा दिया उसने भी बड़े स्टाइल से सिगरेट अपने होंठों में फंसाई और मजे से पीने लगी.
मेरे पूछने पर उसने बताया कि वो अपने कॉलेज की लड़कियों के साथ सीख गई थी.
फिर हम दोनों वापस आ गए और सोने लगे.
पीहू को ज्यादा नशा हो गया था.
मैं देखना चाहता था कि आज वो क्या करती है.
मैं सोने का नाटक करने लगा और चुपके से उसकी ओर देखने लगा.
पीहू ने टॉप और जींस दोनों एक साथ निकाल दिए और पूरी नंगी ही मेरे साथ चिपक कर सोने लगी.
कुछ देर बाद वो अपना पैर मेरे ऊपर रगड़ने लगी.
मैंने पहले से ही अपने सारे कपड़े निकाल दिए थे.
उसकी कोमल टांग मेरे ऊपर आने से ही मेरा लंड खड़ा हो गया.
मैं उसकी तरफ अपना मुँह करके सोने लगा.
अब मेरा लंड उसकी चूत पर था तो वो अपनी चूत को आगे पीछे करने लगी.
मुझसे रहा नहीं गया तो मैं सीधा उसकी दोनों चूचियों को पकड़ कर दबाने लगा.
एक को मुँह में लेकर चूस रहा था और एक हाथ से उसकी चूत को मसल रहा था.
वो आह आह करने लगी और उसने चूत खोल दी. मैं चूत में उंगली करने लगा.
उसकी चूत ने बहुत जल्दी पानी छोड़ दिया.
वो अब बहुत गर्म हो गई थी.
मैंने उसकी दोनों टांगों के बीच आकर उसकी चूत पर लंड रख दिया.
वो अन्दर पेलने की कहने लगी.
मैं अपना लौड़ा चूत में घुसाने लगा.
उसकी चूत बहुत टाइट थी तो मेरा लंड अन्दर नहीं जा पा रहा था.
मैंने अपने लंड और उसकी चूत पर थूक लगाया और एक जोर से झटका मारा, तो थोड़ा सा लंड अन्दर घुस गया.
उसकी दर्द भरी ‘आह मर गई …’ की आवाज निकली.
मैंने बिना देरी किए लगातार दो और झटके मार दिए.
मेरा पूरा लंड छिल गया था मगर मैंने बिना परवाह किए लगातार चुदाई चालू कर दी.
कुछ देर के दर्द के बाद अब हम दोनों को काफी मजा आने लगा था.
पीहू जोर से चिल्ला चिल्ला कर चुदाई करवा रही थी.
बीस मिनट बाद मैंने उसकी चूत में ही अपना शीरा टपका दिया.
इस तरह से पूरी रात में हमने तीन बार चुदाई की.
जब सुबह हम दोनों उठे तो बेड के हाल देख कर हम दोनों की हालत ख़राब हो गई.
पीहू अपनी फटी हुई चूत को देख रही थी और मैं अपने लंड को.
दोनों के शरीर में खून ही खून दिख रहा था.
तभी अंकल ने फोन किया कि हम लोग वहां कुछ सामान ले कर आ रहे हैं.
हम दोनों जल्दी से उठ कर एक साथ नहाये.
नहाते नहाते एक बार और चुदाई करने का मन कर रहा था पर टाइम नहीं होने के कारण हम दोनों जल्दी तैयार होकर बाहर आ गए.
मैंने पीहू को एक पे�� किलर दी और एक खुद भी खा ली.
तब जाकर कुछ आराम मिला.
आधा घंटा बाद अंकल आंटी मीनू सब वहां आ गए.
मैंने आंटी और मीनू को अपने साथ ऊपर अपने कमरे में ले गया.
अंकल पीहू के साथ सभी तैयारी और डेकोरेशन का काम देख रहे थे.
फिर हम लोग बाहर गार्डन में आ गए.
मैंने अंकल से पूछा- राहुल की क्या खबर है वो कब तक आने वाला है?
अंकल ने बताया कि वो आज रात की फ्लाइट से आने वाला है.
कुछ देर तक यही सब बातचीत चलती रहीं कि कब कौन आ रहा है और किस किस को लाने की जिम्मेदारी किसकी है.
बाद में हम सभी सही समय पर राहुल को लेने के लिए एयरपोर्ट पहुंच गए.
उसकी फ्लाईट आई तो उसके साथ एक बहुत ही खूबसूरत लड़की बाहर आ रही थी.
मैं उसे देखता ही रह गया क्या कमाल की लौंडिया थी.
उसके पीछे राहुल नज़र आया.
मैंने हाथ हिला कर उसे इशारा किया.
राहुल बहुत बदल गया था, वो बहुत स्मार्ट हो गया था.
वो आकर सबसे गले मिला और उसने लड़की को आवाज लगाई.
वो खूबसूरत माल सी लड़की मेरे करीब आई.
राहुल ने उससे सबका परिचय करवाया.
उसका नाम खुशी थी. वो भी उसी के साथ काम करती थी.
वो मेरे सीने से लग कर मुझसे मिली.
उसके यूँ अपने सीने से लगने से मैं एक बार को तो सकपका गया था मगर बाद में मैंने ये एक साधारण सी औपचारिकता समझी और उससे अलग हुआ.
उसने मुझसे अलग होते समय मेरे कान में धीमे से कहा- बहुत हॉट हो डियर. छोडूंगी नहीं.
मैं मुस्कुरा दिया.
अब हम सभी लोग सीधे फार्म हाउस में आ गए.
वहां पर मीनू खुशी को ऊपर के एक रूम में ले गई.
अंकल आंटी घर निकल गए.
मीनू, पीहू, खुशी, राहुल और मैं हम सभी बैठ कर बात करने लगे थे.
तभी खुशी ने फार्म हाउस की तारीफ करते हुए राहुल से कहा कि ये जगह बहुत सुंदर लग रही है.
तो राहुल ने उससे कहा- ये जगह मेरे दोस्त ने शादी के लिए रेंट पर अरेंज की है.
पीहू हंसने लगी.
राहुल बोला- क्या हुआ, हंस क्यों रही हो?
तभी मीनू ने राहुल को बताया कि ये फार्म हाउस कान्हा ने खरीद लिया है.
खुशी और राहुल ने मुझे बधाई दी.
सब बहुत खुश दिख रहे थे.
मैंने सबको आराम करने को बोल दिया.
मुझे बहुत सारे काम बाक़ी थे.
राहुल भी काम देखने के लिए हम सबसे अलग हो गया.
वो गार्डन में सजावट और बाक़ी का काम देखने चला गया.
पीहू ने भी मेरे साथ रहने को बोला और ख़ुशी उठ कर अपने कमरे में चली गई.
मीनू भी मेरे वाले कमरे में चली गई.
ये मुझे नहीं मालूम था.
मैंने अपना फोन अपने रूम में चार्ज करने लगा दिया था. मैं अपना मोबाइल लाने कमरे में गया तो उधर सीन देख कर मेरी सांसें थम गईं.
मीनू पूरी नंगी होकर अपनी चूत के बाल साफ करने की तैयारी कर रही थी.
वो शेविंग क्रीम लगाकर चूत को मसल रही थी और अपने मम्मों को भी अपने हाथ से दबा रही थी.
ये देखकर मेरा भी लंड खड़ा हो गया.
उसने मुझे देखा नहीं था और मैं उसे आवाज देने ह��� वाला था कि मैंने सोचा कि आज इसको भी चोद ही दूँगा.
मैं भी अपने हाथ से लंड दबाने लगा था.
तभी किसी ने पीछे से मेरे कंधे पर हाथ रख दिया.
जब मैं पीछे मुड़ा, तो खुशी मेरे पीछे खड़ी थी.
खुशी ने आंख दबाते हुए मुझसे कहा- मेरे रूम का एसी काम नहीं कर रहा है.
मैंने उसकी चूचियां देखते हुए कहा- तुम कमरे में चलो मैं अभी आता हूँ.
वो चली गई.
पांच मिनट बाद मैं उसके रूम के अन्दर आ गया.
मैंने देखा, तो खुशी ने अपनी ब्रा पैंटी निकाल कर बेड पर ही रख दिए थे और वो एक पारदर्शी गाउन पहन कर खड़ी थी.
उसमें से उसकी चूत और दूध साफ नजर आ रहे थे.
मैंने एसी को देखा तो बटन बंद था.
उसकी एमसीबी डाउन थी.
मैंने खुशी से कहा- मैं तुमको ऊपर उठा देता हूँ. तुम बटन चालू कर लेना.
खुशी ने होंठ दबाते हुए हामी भर दी.
जब मैं खुशी को अपने कंधों पर उठाने के लिए झुका तो उसकी चूत से बहुत ही मदहोश करने वाला खुशबू आ रही थी.
मैं खुशी के पैर को पकड़ कर ऊपर उठा रहा था, तो उसकी चूत एकदम से मेरे मुँह के पास लग गई थी.
वो अपनी गांड मेरी गर्दन पर घिसने लगी.
उसकी चूत मेरे मुँह पर लग गई थी.
मैं जोर जोर से उसकी चूत को जीभ से चाटने लगा और हाथ से गांड दबा रहा था.
खुशी चूत रगड़ने में इतनी मदहोश हो गई थी कि वो आह आह करती हुई मचलने लगी.
मैंने उसे बेड पर गिरा दिया और उसकी चूत में अपनी जीभ डाल दी.
तभी पीहू ने मुझे आवाज दी.
ख़ुशी ने एक भद्दी सी गाली निकाली- इस मादरचोद को भी अभी ही आवाज देनी थी.
मैंने कहा- चिंता मत करो जान … इसी के साथ लिटा कर तुम्हें भी चोद दूँगा.
वो हैरानी से बोली- अच्छा मतलब इसकी लेते रहते हो क्या?
मैंने कुछ नहीं कहा, बस उसको छोड़ कर बाहर निकल गया.
मीनू को आवाज़ लगा कर मैंने अपना मोबाइल लिया और नीचे चला गया.
मैं बाहर जाने लगा, तभी एक हाथ ने मुझे पकड़ लिया और मेरी आंखें बंद कर दीं.
मैं समझ गया कि ये पीहू है.
तभी उसने मेरे कान में कहा- नई चूत क्या दिखी साले मुझे भूल ही गए.
मैंने कहा- साली, तू अभी पुरानी चूत किधर से हो गई. चल अभी तेरी चूत की खुजली मिटाता हूँ.
मैं पीहू को पकड़ कर एक खाली कमरे में घुस गया और उसे जल्दी से नंगी करके उसकी चुदाई कर दी.
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हॉट गर्ल Xxx हिंदी कहानी में मैंने अपने दोस्त की छोटी बहन की कुंवारी बुर फाड़ कर उसे कलि से फूल बना दिया. वो खुद अपने जीवन की पहली चुदाई के लिए मारी जा रही थी.
दोस्तो, मैं कान्हा साहू आपको अपने दोस्त की मदमस्त बहन पीहू की चुदाई की कहानी सुना रहा था.
कहानी के पहले भागदोस्त की छोटी बहन की कुंवारी बुर
में अब तक आपने पढ़ा था कि रात में मैंने पीहू की चूत में उंगली करके उसे भी ठंडी कर दिया था और खुद भी मुठ मार कर सो गया था.
अब आगे हॉट गर्ल Xxx हिंदी कहानी:
रात को तीन बजे मेरे डेकोरटर ने फोन किया.
वो मुझे नीचे बुला रहे थे.
मैं गया तो सभी बहुत थक गए थे.
मैंने सभी के लिए चाय नाश्ता का इंतजाम किया और पास के पेट्रोल पंप के पास से एक पंचर वाले को भी बुलाने का इंतजाम कर लिया.
सुबह 6 बजे मैं पीहू को उठाने के लिए गया तो वो एकदम नंगी पड़ी थी और बहुत गहरी नींद में थी.
मतलब मेरे जाते ही उसने अपनी पैंटी भी उतार दी थी.
मैंने अपने फोन पर उसकी नंगी फोटो ले ली और एक बार फिर से चूचियों को हल्के से दबा दिया.
उसकी चूत के पास एक किस किया और उसके ऊपर चादर डाल दी.
फिर मैंने जोर से उसकी पैर पर च्यूंटी काटी तो वो हड़बड़ा कर उठ गई.
उसके यूं उठने से चादर मम्मों से अलग हो गई.
मैं उसकी नंगी चूचियों को देख रहा था.
मेरी नजरों का पीछा करते हुए उसने अपने मम्मों की ओर देखा तो शर्मा गई.
इधर मेरा लंड खड़ा हो गया था.
फिर पीहू ने अपनी ब्रा उठाई और मेरे सामने ही पहनने लगी.
उसके खड़े होकर ब्रा पहनने से उसके दूध काफी बड़े लग रहे थे. उसकी ब्रा का हुक भी नहीं लग रहा था.
पीहू ने मुझसे ब्रा का हुक लगाने को कहा.
मैं पीहू के पीछे खड़ा होकर हुक लगाने लगा तो मेरा खड़ा लंड उसकी गांड में टच होने लगा था.
ये देखकर पीहू मुस्कुराने लगी.
मैंने उसे अपनी बांहों में ले लिया तो वो मुझे चूमने लगी.
मैंने कहा- वापस कपड़े उतारूं?
वो हंस कर बोली- जब उतारे थे, तब तो तुम्हारा भेजा घास चरने गया था. अब घर चलो.
मैंने कहा- अब भेजा घास चरने नहीं जाएगा.
वो बोली- अब नहीं, बाद में देखेंगे.
उसने कपड़े पहने और हम दोनों उसके घर चले गए.
आंटी ने चाय दी और मुझे फ्रेश होने के लिए पीहू के रूम में भेज दिया.
जब मैं रूम में पहुंचा तो बाथरूम में वो नहा रही थी.
मैं वहीं बैठ कर टीवी देखने लगा. तभी पीहू बाथरूम से बाहर निकली. उसने कुछ नहीं पहना हुआ था वो पूरी नंगी थी. उसके शरीर पर पानी के बूंदें मोती की तरह चमक रही थीं.
मुझे कमरे में देख कर वो थोड़ा सकपका गई और बोलने लगी- तुम यहां क्या कर रहे हो?
मैंने भी बोल दिया- मुझे आंटी ने तुम्हारे रूम में घास चरने भेजा है.
वो हंस दी.
फिर मैं बाथरूम के अन्दर चला गया, वहां से बाहर देखने के लिए मैंने दरवाजे को थोड़ा खुला रखा.
मैंने बाहर देखा तो पीहू अपने शरीर में तेल लगा कर मालिश कर रही थी और मम्मों को अपने हाथ से दबा रही थी.
एक हाथ में तेल लेकर अपनी चूत में उंगली कर रही थी.
वो बहुत गर्म हो गई थी.
ये सब देख कर मेरे भी लंड ने मुझसे हिलाने की डिमांड की और मैंने मुठ मारकर लंड से पानी निकाल दिया.
तभी आंटी ने पीहू को बुलाने के लिए आवाज दी.
पीहू ने बिना ब्रा के ही एक ढीली सी टॉप पहन ली और नीचे पैंटी भी नहीं पहनी.
मैं समझ गया कि आज ये चुदाई के लिए तैयार है.
मैं फ्रेश होकर बाहर आ गया.
आंटी ने नाश्ता लगाया.
हम सभी बैठ कर बात करते हुए नाश्ता कर रहे थे.
मैंने आंटी से कहा- आज ही सारे काम पूरा करना है. आज हम दोनों को वहीं रुकना पड़ेगा.
आंटी ने मंजूरी दे दी.
पीहू खुश दिख रही थी.
हम लोग कुछ देर बाद फार्म हाउस के लिए निकल गए.
सब��े पहले जनरेटर को ठीक कराया, फिर बंगले की सफाई कराई.
दिन भर में सारे काम पूरे हो गए थे.
आज रात वहां कोई नहीं था.
नौकर लोगों के लिए अलग जगह थी.
फार्म हाउस के पिछले हिस्से में एक रूम बना था.
मैंने पीहू को बाहर डिनर के लिए ले गया तो वो बहुत खुश नजर आ रही थी.
पहले मैंने अपने लिए व्हिस्की मंगाई तो पीहू ने भी पीने की इच्छा ज़ाहिर की.
हम दोनों ने दो दो पैग पीए और खाना खाने के बाद मैंने एक सिगरेट जलाई.
पीहू ने भी हाथ बढ़ा दिया उसने भी बड़े स्टाइल से सिगरेट अपने होंठों में फंसाई और मजे से पीने लगी.
मेरे पूछने पर उसने बताया कि वो अपने कॉलेज की लड़कियों के साथ सीख गई थी.
फिर हम दोनों वापस आ गए और सोने लगे.
पीहू को ज्यादा नशा हो गया था.
मैं देखना चाहता था कि आज वो क्या करती है.
मैं सोने का नाटक करने लगा और चुपके से उसकी ओर देखने लगा.
पीहू ने टॉप और जींस दोनों एक साथ निकाल दिए और पूरी नंगी ही मेरे साथ चिपक कर सोने लगी.
कुछ देर बाद वो अपना पैर मेरे ऊपर रगड़ने लगी.
मैंने पहले से ही अपने सारे कपड़े निकाल दिए थे.
उसकी कोमल टांग मेरे ऊपर आने से ही मेरा लंड खड़ा हो गया.
मैं उसकी तरफ अपना मुँह करके सोने लगा.
अब मेरा लंड उसकी चूत पर था तो वो अपनी चूत को आगे पीछे करने लगी.
मुझसे रहा नहीं गया तो मैं सीधा उसकी दोनों चूचियों को पकड़ कर दबाने लगा.
एक को मुँह में लेकर चूस रहा था और एक हाथ से उसकी चूत को मसल रहा था.
वो आह आह करने लगी और उसने चूत खोल दी. मैं चूत में उंगली करने लगा.
उसकी चूत ने बहुत जल्दी पानी छोड़ दिया.
वो अब बहुत गर्म हो गई थी.
मैंने उसकी दोनों टांगों के बीच आकर उसकी चूत पर लंड रख दिया.
वो अन्दर पेलने की कहने लगी.
मैं अपना लौड़ा चूत में घुसाने लगा.
उसकी चूत बहुत टाइट थी तो मेरा लंड अन्दर नहीं जा पा रहा था.
मैंने अपने लंड और उसकी चूत पर थूक लगाया और एक जोर से झटका मारा, तो थोड़ा सा लंड अन्दर घुस गया.
उसकी दर्द भरी ‘आह मर गई …’ की आवाज निकली.
मैंने बिना देरी किए लगातार दो और झटके मार दिए.
मेरा पूरा लंड छिल गया था मगर मैंने बिना परवाह किए लगातार चुदाई चालू कर दी.
कुछ देर के दर्द के बाद अब हम दोनों को काफी मजा आने लगा था.
पीहू जोर से चिल्ला चिल्ला कर चुदाई करवा रही थी.
बीस मिनट बाद मैंने उसकी चूत में ही अपना शीरा टपका दिया.
इस तरह से पूरी रात में हमने तीन बार चुदाई की.
जब सुबह हम दोनों उठे तो बेड के हाल देख कर हम दोनों की हालत ख़राब हो गई.
पीहू अपनी फटी हुई चूत को देख रही थी और मैं अपने लंड को.
दोनों के शरीर में खून ही खून दिख रहा था.
तभी अंकल ने फोन किया कि हम लोग वहां कुछ सामान ले कर आ रहे हैं.
हम दोनों जल्दी से उठ कर एक साथ नहाये.
नहाते नहाते एक बार और चुदाई करने का मन कर रहा था पर टाइम नहीं होने के कारण हम दोनों जल्दी तैयार होकर बाहर आ गए.
मैंने पीहू को एक पे�� किलर दी और एक खुद भी खा ली.
तब जाकर कुछ आराम मिला.
आधा घंटा बाद अंकल आंटी मीनू सब वहां आ गए.
मैंने आंटी और मीनू को अपने साथ ऊपर अपने कमरे में ले गया.
अंकल पीहू के साथ सभी तैयारी और डेकोरेशन का काम देख रहे थे.
फिर हम लोग बाहर गार्डन में आ गए.
मैंने अंकल से पूछा- राहुल की क्या खबर है वो कब तक आने वाला है?
अंकल ने बताया कि वो आज रात की फ्लाइट से आने वाला है.
कुछ देर तक यही सब बातचीत चलती रहीं कि कब कौन आ रहा है और किस किस को लाने की जिम्मेदारी किसकी है.
बाद में हम सभी सही समय पर राहुल को लेने के लिए एयरपोर्ट पहुंच गए.
उसकी फ्लाईट आई तो उसके साथ एक बहुत ही खूबसूरत लड़की बाहर आ रही थी.
मैं उसे देखता ही रह गया क्या कमाल की लौंडिया थी.
उसके पीछे राहुल नज़र आया.
मैंने हाथ हिला कर उसे इशारा किया.
राहुल बहुत बदल गया था, वो बहुत स्मार्ट हो गया था.
वो आकर सबसे गले मिला और उसने लड़की को आवाज लगाई.
वो खूबसूरत माल सी लड़की मेरे करीब आई.
राहुल ने उससे सबका परिचय करवाया.
उसका नाम खुशी थी. वो भी उसी के साथ काम करती थी.
वो मेरे सीने से लग कर मुझसे मिली.
उसके यूँ अपने सीने से लगने से मैं एक बार को तो सकपका गया था मगर बाद में मैंने ये एक साधारण सी औपचारिकता समझी और उससे अलग हुआ.
उसने मुझसे अलग होते समय मेरे कान में धीमे से कहा- बहुत हॉट हो डियर. छोडूंगी नहीं.
मैं मुस्कुरा दिया.
अब हम सभी लोग सीधे फार्म हाउस में आ गए.
वहां पर मीनू खुशी को ऊपर के एक रूम में ले गई.
अंकल आंटी घर निकल गए.
मीनू, पीहू, खुशी, राहुल और मैं हम सभी बैठ कर बात करने लगे थे.
तभी खुशी ने फार्म हाउस की तारीफ करते हुए राहुल से कहा कि ये जगह बहुत सुंदर लग रही है.
तो राहुल ने उससे कहा- ये जगह मेरे दोस्त ने शादी के लिए रेंट पर अरेंज की है.
पीहू हंसने लगी.
राहुल बोला- क्या हुआ, हंस क्यों रही हो?
तभी मीनू ने राहुल को बताया कि ये फार्म हाउस कान्हा ने खरीद लिया है.
खुशी और राहुल ने मुझे बधाई दी.
सब बहुत खुश दिख रहे थे.
मैंने सबको आराम करने को बोल दिया.
मुझे बहुत सारे काम बाक़ी थे.
राहुल भी काम देखने के लिए हम सबसे अलग हो गया.
वो गार्डन में सजावट और बाक़ी का काम देखने चला गया.
पीहू ने भी मेरे साथ रहने को बोला और ख़ुशी उठ कर अपने कमरे में चली गई.
मीनू भी मेरे वाले कमरे में चली गई.
ये मुझे नहीं मालूम था.
मैंने अपना फोन अपने रूम में चार्ज करने लगा दिया था. मैं अपना मोबाइल लाने कमरे में गया तो उधर सीन देख कर मेरी सांसें थम गईं.
मीनू पूरी नंगी होकर अपनी चूत के बाल साफ करने की तैयारी कर रही थी.
वो शेविंग क्रीम लगाकर चूत को मसल रही थी और अपने मम्मों को भी अपने हाथ से दबा रही थी.
ये देखकर मेरा भी लंड खड़ा हो गया.
उसने मुझे देखा नहीं था और मैं उसे आवाज देने ह��� वाला था कि मैंने सोचा कि आज इसको भी चोद ही दूँगा.
मैं भी अपने हाथ से लंड दबाने लगा था.
तभी किसी ने पीछे से मेरे कंधे पर हाथ रख दिया.
जब मैं पीछे मुड़ा, तो खुशी मेरे पीछे खड़ी थी.
खुशी ने आंख दबाते हुए मुझसे कहा- मेरे रूम का एसी काम नहीं कर रहा है.
मैंने उसकी चूचियां देखते हुए कहा- तुम कमरे में चलो मैं अभी आता हूँ.
वो चली गई.
पांच मिनट बाद मैं उसके रूम के अन्दर आ गया.
मैंने देखा, तो खुशी ने अपनी ब्रा पैंटी निकाल कर बेड पर ही रख दिए थे और वो एक पारदर्शी गाउन पहन कर खड़ी थी.
उसमें से उसकी चूत और दूध साफ नजर आ रहे थे.
मैंने एसी को देखा तो बटन बंद था.
उसकी एमसीबी डाउन थी.
मैंने खुशी से कहा- मैं तुमको ऊपर उठा देता हूँ. तुम बटन चालू कर लेना.
खुशी ने होंठ दबाते हुए हामी भर दी.
जब मैं खुशी को अपने कंधों पर उठाने के लिए झुका तो उसकी चूत से बहुत ही मदहोश करने वाला खुशबू आ रही थी.
मैं खुशी के पैर को पकड़ कर ऊपर उठा रहा था, तो उसकी चूत एकदम से मेरे मुँह के पास लग गई थी.
वो अपनी गांड मेरी गर्दन पर घिसने लगी.
उसकी चूत मेरे मुँह पर लग गई थी.
मैं जोर जोर से उसकी चूत को जीभ से चाटने लगा और हाथ से गांड दबा रहा था.
खुशी चूत रगड़ने में इतनी मदहोश हो गई थी कि वो आह आह करती हुई मचलने लगी.
मैंने उसे बेड पर गिरा दिया और उसकी चूत में अपनी जीभ डाल दी.
तभी पीहू ने मुझे आवाज दी.
ख़ुशी ने एक भद्दी सी गाली निकाली- इस मादरचोद को भी अभी ही आवाज देनी थी.
मैंने कहा- चिंता मत करो जान … इसी के साथ लिटा कर तुम्हें भी चोद दूँगा.
वो हैरानी से बोली- अच्छा मतलब इसकी लेते रहते हो क्या?
मैंने कुछ नहीं कहा, बस उसको छोड़ कर बाहर निकल गया.
मीनू को आवाज़ लगा कर मैंने अपना मोबाइल लिया और नीचे चला गया.
मैं बाहर जाने लगा, तभी एक हाथ ने मुझे पकड़ लिया और मेरी आंखें बंद कर दीं.
मैं समझ गया कि ये पीहू है.
तभी उसने मेरे कान में कहा- नई चूत क्या दिखी साले मुझे भूल ही गए.
मैंने कहा- साली, तू अभी पुरानी चूत किधर से हो गई. चल अभी तेरी चूत की खुजली मिटाता हूँ.
मैं पीहू को पकड़ कर एक खाली कमरे में घुस गया और उसे जल्दी से नंगी करके उसकी चुदाई कर दी.
आपको हॉट गर्ल Xxx हिंदी कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करके जरूर बताएं.[email protected]